The Digital Teacher : September 2022

शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु 12 कार्यक्रम के नोडल शिक्षकों की बैठक संपन्न ...


समग्र शिक्षा अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के विकासखण्ड स्तर पर सभी शालाओं में सफल क्रियान्वयन हेतु जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शिक्षकों को नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। जो अपने शैक्षिक दायित्वों के साथ इन कार्यों को क्रियान्वयन करेंगे। आज 30 सितंबर 2022 शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से उक्त सभी नोडल शिक्षकों की ब्लाक स्तर पर बीईओ बीआरसीसी के मार्गदर्शन में बैठक आहूत कर कार्ययोजना तैयार की गयी। बैठक में जिला से एपीसी श्री एच.आर.जासवाल, श्री दिनेश सोनवान, अजीम प्रेमजी से मुनीर जी मार्गदर्शन के लिए उपस्थित रहे। बैठक में एपीसी श्री जायसवाल जी ने बताया कि टीम वर्क की भावना से इस कार्य को ब्लाक में बेहतर तरीके से संपन्न करें क्योंकि आप सब शिक्षक है और एक शिक्षक ही जानता है कि उसके विद्यार्थी को क्या मदद की जरूरत है। एपीसी श्री दिनेश सोनवान ने विभागीय योजनाओं के बारे में रोचक जानकारी दी। बीआरसीसी श्रीमती रिषीकांता राठौर ने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर यह कार्यक्रम सभी स्कूलों तक पहुंचे यह उनकी पहली प्राथमिकता होगी। बैठक का संचालन शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने किया। फाउण्डेशन ने मुनीर व मारिया ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यक्रम की रूपरेखा की चर्चा की। बैठक में श्री योगेश पाण्डेय व्याख्याता (नोडल- उपचारात्मक शिक्षण हाई /हायर लेवल), श्रीमती जयंती दुबे, प्रधान पाठक (नोडल- उपचारात्मक शिक्षण उच्च प्राथमिक), श्री घनश्याम देवांगन, प्रधान पाठक (नोडल- एसएमसी एक्शन मोड कार्यक्रम), श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी, शिक्षक (नोडल- कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम), श्रीमती शीला शर्मा, सहा.शिक्षक (नोडल- अंगना म शिक्षा कार्यक्रम), श्रीमती शालिनी शर्मा, सहा.शिक्षक (नोडल- खिलौने से सीखना पियर लर्निंग कार्यक्रम), श्री ललित मोहन जायसवाल, शिक्षक (नोडल- पठन /गणितीय कौशल विकास), कुमारी दीप्ति राठौर, शिक्षक (नास / असर सर्वे सुधार कार्यक्रम), श्री अमित कुमार शुक्ला, सहा.शिक्षक (नोडल- 100 दिन सौ कहानियां कार्यक्रम), श्रीमती गीता लहरे, शिक्षक (नोडल- गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम) उपस्थित रहे। उक्ताशय की जानकारी नोडल टीम के प्रचार-प्रसार प्रभारी श्री असीमधर दीवान, सहा.शिक्षक ने दी है। 
 
विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी -

(1) NAS एवं ASER सर्वे सुधार कार्यक्रम -  NAS (National Achievement Survey) राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण विद्यालय का  शिक्षा स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधानऔर प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा विकसित एक सर्वेक्षण कार्यक्रम है जिसके तहत कक्षा 3,5,8 और कक्षा 10 के छात्रों की सीखने के स्तर का मूल्यांकन हेतु परीक्षा आयोजित की जाती है। यह कार्यक्रम शैक्षिक मूल्यांकन तथा उपलब्धि स्तरदोनों प्रकार का है। इस सर्वेक्षण में पांच विषयो भाषा , सामाजिक विज्ञान, गणित , विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन की उपलब्धि की जांच की जाती है।  ASER (Annual Status of Education Report) ग्रामीण भारत में 5-16 आयु वर्ग के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति पर रिपोर्ट प्रदान करती है, जिसमें बुनियादी पढ़ने और अंकगणितीय कार्यों को करने की क्षमता भी शामिल है। इस वर्ष, ASER ने फोन-आधारित सर्वेक्षण प्रारूप का पालन किया, क्योंकि कोविड -19 महामारी के कारण क्षेत्र सर्वेक्षण संभव नहीं था। यह सर्वेक्षण सितंबर-अक्टूबर 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। यह यह पता लगाने की कोशिश करता है कि कोविड -19 महामारी की शुरुआत के बाद से 5-16 आयु वर्ग के बच्चों ने घर पर कैसे अध्ययन किया। 

(2) एस.एम.सी. एक्शन मोड कार्यक्रम- इस कार्यक्रम के तहत सभी शालाओं में शाला प्रबंधन समिति को सशक्त करते हुए विद्यालय विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना है।  विद्यालय में शाला प्रवेश उत्सव, शाला त्यागी, ठहराव की समस्या, विद्यालय में विभिन्न मद एवं उनका वित्तीय प्रबंधन, सामुदायिक सहभागिता, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009, विद्यालय में संचालित विभिन्न योजना, बालिका शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, विद्यालय विकास योजना आदि कार्यों में शाला प्रबंधन समिति को सक्रिय करते हुए विद्यालय का चहुंमुखी विकास करना प्रमुख उद्देश्य है।

(3) कबाड़ से जुगाड़ - शून्य निवेश या कम लागत में शिक्षण सहायक सामग्री (ज्मंबीपदह स्मंतदपदह डंजमतपंस) तैयार करने की विधि है। जिसके माध्यम से बच्चे खेल-खेल में शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस अवधारणा को हम कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम कहते हैं। इस विधि के माध्यम से हम कई तरह की चीजें बना सकते हैं।

(4) उपचारात्मक शिक्षण - इस गतिविधि के तहत शिक्षक छात्रों के अधिगम सम्बन्धी दोषों को दूर कर उनके कक्षा में पिछड़ेपन को दूर करने का प्रयास करता है। संक्षेप में उपचारात्मक शिक्षण वास्तव में उत्तम शिक्षण है जो छात्र को उसकी यथार्थ स्थिति का ज्ञान कराता है और सुप्रेरित क्रियाओं द्वारा बालक को उसके कमजोर क्षेत्रों में अधिक दक्षता प्राप्त करने की दिशा में अभिप्रेरित करता हैं। उपचारात्मक शिक्षण के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं- छात्रों में अधिगम सम्बन्धित दोषों को दूर करना, उपचार हेतु शिक्षक द्वारा शिक्षण का नियोजन करना, छात्रों में उन आवश्यक आदतों तथा कुशलताओं का विकास करना जो अब तक उनमें विकसित नहीं हुई हैं, छात्रों में वांछनीय व्यवहार सम्बन्धित परिवर्तनों का विकास करना।

 (5) अंगना म शिक्षा - छोटे बच्चों की माताओं को अपने बच्चों को घर पर रहकर स्कूल के लिए तैयार करने के उद्देश्य से महिला शिक्षिकाओं के नेतृत्व में अंगना म शिक्षा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

(6) 100 दिन सौ कहानियां कार्यक्रम - उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 दिनों तक 100 कहानियों को पढ़ने, सुनने, सीखने का कार्य प्रगति पर है। प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 100 पुस्तकों का सेट, समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ के माध्यम से प्रदान किया गया है। बच्चों को हिंदी व स्थानीय भाषाओं में एक ही कहानी, पढ़ने सुनने का अवसर मिलता है। इससे बच्चों का शब्द ज्ञान बढ़ता है, अर्थ को समझने में आसानी होती है। पुस्तक में चित्रों का समावेश है जिससे बच्चे कहानीह की पटकथा को आसानी से समझ पाते हैं। चित्रों को देखकर बच्चों को कहानी पढ़ने में और भी दिलचस्पी बढ़ जाती है। कहानी के अंत में अभ्यास कार्य भी दोनों भाषाओं में दिये गए है। जैसे शब्दों का मिलान, रिक्त स्थान, समूह बंधन, प्रश्नोत्तरी, व्याकरण आदि। ये पुस्तके नैतिक गुणों को बढ़ाने पर आधारित है। कहानी कथन के माध्यम से बच्चे भाषा के स्वकर के उतार-चढ़ाव, शारीरिक गति, हाव-भाव आदि के उपयोग से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम हो पा रहे है।

(7) गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम - सभी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ अब व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा। उन्हें अपने समाज और अपने आस-पास की व्यवहारिक बाते भी सिखाई जाएंगी। इसके लिए गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम शुरू की गयी है।  इसके तहत प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को पठन कौशल विकास एवं साथ-साथ विभिन्न व्यवसायों की जानकारी प्रदान की जायेगी।

(8) विद्यार्थी विकास सूचकांक कार्यक्रम - सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं को अपना परफार्मेंस दीवार पर सूची लगाकर दिखाना होगा। शिक्षक एक महीने तक किस बात पर फोकस करेंगे एवं बच्चों में कौन सी दक्षता हासिल कर पाएंगे इसे वे एक चार्ट बनाकर स्कूल में प्रदर्शित करना पड़ेगा। प्रारंभिक कक्षाओं में विद्यार्थियों को विभिन्न लर्निंग आउटकम में दक्ष करने के उद्देश्य से प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थी विकास सूचकांक तैयार कर उनका उपयोग करने के निर्देश हैं। इसके तहत शिक्षकों को प्रत्येक माह प्रत्येक कक्षा में कम से कम पांच लर्निंग आउटकम का चयन कर उन पर फोकस कर कक्षा में अध्यापन करना होगा। यह कार्य उनके नियमित पाठ्यक्रम के अध्यापन के साथ-साथ जारी रखा जाएगा। उदाहरण के लिए यदि शिक्षक किसी माह विद्यार्थियों को हाव-भाव के साथ किसी कविता को गा सकने के लर्निंग आउटकम को फोकस किया है तो उस माह अपने नियमित अध्यापन के साथ प्रत्येक विद्यार्थी में इस दक्षता को लाने हेतु प्रतिदिन कुछ समय अलग से निकल कर उस पर फोकस किया जाएगा। 

(9) प्रयोगशाला व पुस्तकालय के उपयोग कार्यक्रम - इसके तहत विद्यालयों में शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए पुस्तकालयों और विज्ञान प्रयोगशालाओं का अधिकाधिक उपयोग करने पर जोर दिया गया है ताकि विद्यार्थी सीखने के लिए प्रेरित हो सके।  

(10) पियर लर्निंग कार्यक्रम- कक्षा में बच्चों के सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को अधिक आसान और रूचिकर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सीखने-सिखाने में बच्चों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश की सभी शालाओं में अब कक्षा में साथ-साथ सीखना अर्थात पियर लर्निंग पर जोर दिया जाएगा। इस प्रणाली को बच्चों के मध्य धीरे-धीरे लोकप्रिय बनाते हुए कक्षाओं में लागू किया जा रहा है।  

















                         

राष्ट्रीय विज्ञान सेमीनार हेतु गौद, अमोदा व पीथमपुर संकुल स्तरीय मार्गदर्शन बैठक संपन्न ...


राष्ट्रीय विज्ञान सेमीनार 2022 हेतु चलित विज्ञान माडल तैयार करने से लेकर आनलाईन पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने तक की प्रक्रिया पर मार्गदर्शन हेतु 28 सितंबर बुधवार को जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के संकुल केन्द्र गौद, अमोदा व पीथमपुर संकुल के शिक्षकों व प्रधान पाठकों का बैठक संपन्न हुआ। पूर्व मा.शाला अकलतरी में संपन्न हुए बैठक में नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने पूरी प्रक्रिया पर उपस्थित शिक्षकों को मार्गदर्शन दिया गया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक खोज एवं विश्लेष्णात्मक प्रवृत्ति जागृत करने, उभरते वैज्ञानिक विचारों के आदान प्रदान करने हेतु मंच उपलब्ध कराने राष्ट्रीय विज्ञान सेमीनार का आयोजन किया जाना है। इसमें प्रतिभागियों का पंजीयन गूगल फार्म के जरिये किया जाना है जिसमें माडल के फोटोग्राफ, माडल के बारे में संक्षिप्त जानकारी, 3 मिनट का प्रदर्शन विडियों का लिंक आदि जानकारी अपलोड किया जाना है। विज्ञान प्रदर्शनी के विषयों के संबंध में शिक्षक राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि सूचना व संचार प्रौद्योगिकी में उन्नति, पर्यावरण अनुकूल सामग्री, स्वास्थ्य व स्वच्छता, परिवहन व नवाचार, पर्यावरण संबंधी चिंताए जैसे मुद्दे शामिल है। इस अवसर पर श्री अनिल पाण्डेय (गौद सीएसी), श्री प्रमोद हंसराज (पीथमपुर सीएसी), श्री भानूप्रताप महाराणा (अमोदा सीएसी), श्री चंद्रपाल सिंह राठौर (व्याख्याता उ.मा.शाला अमोदा), श्री प्रदीप सिंह परिहार (प्रधान पाठक पूर्व मा.शाला अकलतरी), श्री विष्णु प्रसाद कश्यप (प्रधान पाठक पूर्व मा.शाला गौद), श्री डेमन प्रसाद पाण्डेय (शिक्षक पूर्व मा.शाला मौहाडीह), श्री उमाशंकर सूर्यवंशी (शिक्षक पूर्व मा.शाला अमोदा), श्रीमती सुशीला बघेल (शिक्षक पूर्व मा.शाला गौद), श्रीमती गीता लहरे (शिक्षक पूर्व मा.शाला पीथमपुर), श्री विरेन्द्र हंसराज (विज्ञान सहा. उ. मा.शाला पीथमपुर), श्री दीनानाथ साहू (शिक्षक पूर्व मा.शाला भादा) आदि उपस्थित रहे। 






“रेबीज वन हेल्थ जीरो डेथ“ की थीम पर स्कूली बच्चों के बीच परिचर्चा का आयोजन ...


आज 28 सितंबर 2022 बुधवार को विश्व रैबीज दिवस के अवसर पर जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में रैबीज से बचाव के उपायों पर चर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रोजेक्टर पर बच्चों को रैबीज से संबंधित आडियों विडियों क्लिप का अवलोकन कराया गया। प्रधान पाठक श्री भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में शिक्षक श्री कन्हैया लाल मरावी व कर्मचारी श्री हेमंत यादव के सहयोग से इस कार्यक्रम में रैबीज का संचरण व रोकथाम के बारे में जानकारी दी गयी। नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि रेबीज एक बीमारी है जो कि रेबीज नामक विषाणु से होते हैं। यह बीमारी कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि जैसे जानवरों के काटने से होता है। यह बीमारी संक्रमित जानवरों से फैलता है। ज्यादातर यह बीमारी मनुष्यों में कुत्ते के काटने व खरोचने से होता है। उन्होंने बचाव के उपायों पर कहा कि हम सबको एक जिम्मेदार पशुपालक के रूप में अपने कुत्ते, बिल्लियों का टीकाकरण सही समय पर कराते रहना चाहिए साथ ही रोगी व्यक्ति नियमित रूप से टीके व चिकित्सक के परामर्श से अन्य दवाओं का सेवन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण केवल अपने पशुओं के लिए ही लाभदायक नहीं होता बल्कि इससे हम सभी भी सुरक्षित रहते है। उन्होंने कहा कि मुख्यत रैबिज संक्रमित जानवर के लार के द्वारा दूसरे जानवर या मनुष्यों में संचरित होता है। मनुष्यों में पाए जाने वाले रैबिज के मुख्य लक्षण है कटे हुए स्थान पर दर्द व असुविधा, अंगों की शून्यता, शरीर का तापमान बढ़ना आदि है। रैबिज का यह विषाणु मस्तिष्क तक पहुंचकर मस्तिष्क विकृति पैदा करता है।  

रेबीज का परिचय
रेबीज एक बीमारी है जो कि रेबीज नामक विषाणु से होते हैं यह मुख्य उर्प से पशुओं की बीमारी है लेकिन संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में भी हो जाती यह विषाणु संक्रमित पशुओं के लार में रहता है और जब कोई पशु मनुष्य को काट लेता है यह विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह भी बहुत मुमकिन होता है कि संक्रमित लार से किसी की आँख, मुहँ या खुले घाव से संक्रमण होता है।इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं। लेकिन साधारणतः मनुष्यों में ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं। रेबीज के प्रारंभिक लक्षणों में बदल जाते हैं।जसे आलस्य में पड़ना, निद्रा आना या चिड़चिड़ापन आदि है। अगर व्यक्ति में ये लक्षण प्रकट हो जाते है तो उसका जिंदा रहना मुशिकल हो जाता है। नवाचारी शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने कहा कि उपरोक्त बातों में ध्यान में रखकर कहा जा सकता है कि रेबीज बहुत ही महत्वपूर्ण बिमारी है और जहाँ कहीं कोई जंगली या पालतू पशु जो कि रेबीज विषाणु से संक्रमित हो के मनुष्य को काट लेने पर आपे डाक्टर के सलाह अनुसार इलाज करवाना अत्यंत ही अनिवार्य है।

रेबीज बीमारी के मुख्य लक्षण क्या होते हैं?
रेबीज बीमारी के लक्षण संक्रमित पशुओं के काटने के बाद या कुछ दिनों में लक्षण प्रकट होने लगते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में रोग के लक्षण प्रकट होने  में कई दिनों से लेकर कई वर्षों तक लग जाते हैं। रेबीज बीमारी का एक खास लक्षण यह है कि जहाँ पर पशु काटते हैं उस जगह की मासपेशियों में सनसनाहट की भावना पैदा हो जाती है। विषाणु के रोगों के शरीर में पहुँचने के बाद विषाणु नसों द्वारा मष्तिक में पहुँच जाते हैं और निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे- दर्द होना, थकावट महसूस करना, सिरदर्द होना, बुखार आना, मांसपेशियों में जकड़न होना, घूमना-फिरना ज्यादा हो जाता है, चिड़चिड़ा होना था उग्र स्वाभाव होना, व्याकुल होना, अजोबों-गरीबांे विचार आना, कमजोरी होना तथा लकवा हो जाना, लार व आंसुओं  का बनना ज्यादा हो जाता है, तेज रौशनी, आवाज से चिड़न होने लगते हैं, बोलने में बड़ी तकलीफ होती है, अचानक आक्रमण का धावा बोलना।
इसी तरह से जब संक्रमण बहुत अधिक हो जाता है और नसों तक पहुँच जाता है तो निम्न लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं जैसे- सभी चीजों/वस्तुएं आदि दो दिखाई देने लगती हैं, मुंह की मांसपेशियों को घुमाने में परेशानी होने लगती है, शरीर मध्यभाग या उदर को वक्षरूस्थल से अलग निकाली पेशी का घुमान विचित्र प्रकार का होने लगता है, लार ज्यादा बनने लगी है और मुंह में झाग बनने लगते हैं, क्या 

क्या पशुओं से रेबीज का संचरण मनुष्यों में हो सकता है?
हाँ, बहुत सारे पशु ऐसे होते हैं जिनसे रेबीज मनुष्यों में फैल सकता है। जगंली जानवर रेबीज विषाणु को फैलाने का कार्य अधिक करते हैं जैसे-  चमगादड़, लोमड़ी आदि। हालांकि पालतू पशु जैसे कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस और दुसरे पशु भी रेबीज को लोगों में फैलाते हैं। साधारण तौर पर देखा गया है जब रेबीज से संक्रमित कोई पशु किसी मनुष्य को काटता है तो रेबीज लोगों में फैल जाता है। बहुत से पशु जैसे कुत्ता, बिल्ली, घोड़े आदि को रेबीज का टीकाकरण किया जाता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को इन पशुओं द्वारा काट लिया जाए तो चिकित्सक से परामर्श लेना जरुरी है। अपने गाँव, कस्बे या शहर से बाहर जाते हैं तो खासकर कुत्तों से सावधान रहें, क्योंकि करीब 20 हजार लोग रेबीज वाले कुत्ते के काटने से हमारे देश में प्रतिवर्ष मरते हैं।

रेबीज का उपचार कैसे किया जाता है?
इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं। लेकिन साधारणतः मनुष्यों में ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं। रेबीज के प्रारंभिक लक्षणों में बदल जाते हैं। जिस जगह कुत्ते ने काटा है, उसे पानी की तेज धार से कई बार धोये, ऐसा करने से बैक्टीरिया और कीटाणु साफ हो जाते हैं। अगर घर पर एंटीबैक्टीरियल साबुन हो तो उसका प्रयोग भी प्रभावित हिस्से को साफ करने के लिए करें। पिसी हुई लाल मिर्च को उस जगह पर लगाएं, जहां कुत्ते ने काटा है। रेबीज को टीकाकरण द्वारा हम उपचार भी कर सकते हैं और इसकी रोकथाम भी की जा सकती है। रेबीज का टीका किल्ड रेबीज विषाणु द्वारा तैयार किया जाता है। फ्रांसीसी माइक्रो बायोलाजिस्ट डा. लुई पाश्चर ने 6 जुलाई 1885 में जानवरों से इंसानों में फैलने वाली वायरस जनित बीमारियों के लिए दुनिया का पहला टीका (रेबीज) विकसित किया था। टीका विकसित करने में उनके योगदान के लिए उन्हें फादर अफ माइक्रोबायोलाजी भी कहा जाता है। आधुनिक विज्ञान के लिए उन्होंने रोगाणु सिद्धांत को विकसित करने, पाश्चुराइजेशन की प्रक्रिया (जो खाद्य उत्पादों को खराब होने से रोकता है) और वैज्ञानिकों द्वारा टीके बनाने के नवीन तरीके विकसित करने के लिए जाने जाते हैं।





































शाला सुरक्षा कार्यक्रम - पाक्सो एक्ट व बाल सुरक्षा के उपायों पर हुई चर्चा ...


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में सुरक्षित शाला-सुरक्षित बच्चे की थीम पर मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत आज 24 सितंबर शनिवार (बैगलेस डे) पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) में बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा के उपायों को बताते हुए उसे अपने जीवन में लागू करने की बात कही गयी। शाला आपदा प्रबंधन समिति व प्रधान पाठक भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में शाला सुरक्षा कार्यक्रम के ब्लाक मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार सूर्यवंशी ने पाक्सो एक्ट, बच्चों की सुरक्षा, साइबर क्राइम, 112 की सुविधा के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसके अलावा वर्तमान में बारिश के हालात को देखते हुए जल जनित बीमारियों से बचाव व पानी मे डूबने के संभावित खतरों से बचने के प्राथमिक चिकित्सा के उपायों के बारे में भी जानकारी दी गयी। वही आगामी 26 सितंबर से आरंभ हो रहे त्रैमासिक परीक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति व सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा में शामिल होने समझाईश दी गयी। इस अवसर पर शिक्षक कन्हैया लाल मरावी, हेमंत यादव सहित छठवीं से गजानंद केंवट, रोहन साहू, तिलेश्वर केंवट, आशा साहू, आरती साहू, उमा केंवट, पंकज यादव, हिमांशु यादव, अरविंद यादव, देवराज यादव, रोशन केंवट, हिमांशी साहू, सिम्मी कंवर, दुर्गा कंवर, रिया साहू, कन्या कुमारी, युवराज साहू, यंकिता यादव, सिमरन यादव, चांदनी साहू, निधि यादव, दीपेश साहू, धनराज यादव। कक्षा सातवीं से पूजा कंवर, कविता कंवर, साहिल कंवर, शिवा केंवट, लव कुमार यादव, कुश कुमार यादव, शंकर लाल साहू, हिमांशु साहू, सागर साहू, शिवा साहू, सोनिया यादव, रीना साहू, श्रुति चौहान, रूचि चौहान, प्रतिज्ञा केंवट, सानिया साहू, प्रीति केंवट, काजल यादव, सानिया यादव, छाया यादव, संजना यादव, दामिनी गाड़ा, पायल यादव, खुश्बू बरेठ, निशा यादव, कान्हा यादव, हिमेश यादव, गौरव यादव, शीतल केंवट, अंजली साहू, काजल कंवर, देवलाल कुर्मी, अजेन केंवट, गांधीलाल केंवट, आरती यादव व हिमेश देवांगन। कक्षा आठवीं से अभय केंवट, सूरज कंवर, दीपक केंवट, संजय केंवट, मंदीप केंवट, सुमित साहू, गोमती केंवट, मनीषा केंवट, प्रभा साहू, संध्या चौहान, दिव्या केंवट, मंजू साहू, गीतांजली यादव, संजना यादव, अनिल यादव, भीमा यादव, रजनी यादव, मनीष यादव, निशी यादव, महारथी साहू, खितराज साहू, आर्यन यादव, प्रशांत कश्यप, दीपक कश्यप, दीप्ति साहू, भाग्यश्री साहू व रूपा साहू  उपस्थित रहे।  

बाल सुरक्षा क्या है?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि हिंसा कहीं भी हो सकती है घर, स्कूल, बाल देखभाल केंद्र, कार्यस्थल और समुदाय में अक्सर बच्चे को जानने वाले के द्वारा ही हिंसा की जाती है भारत में लड़कियों और लड़कों, दोनों को जल्द शादी, घरेलू शोषण, यौन हिंसा, घर और स्कूल में हिंसा, तस्करी, आनलाइन हिंसा, बाल मजदूरी और डराने-धमकाने का सामना करना पड़ता है। हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण के सभी प्रकारों का बच्चों के जीवन पर दीर्घावधिक प्रभाव पड़ता है। भारत में बच्चों की सुरक्षा के लिए अनेक कानून हैं और बाल सुरक्षा को सामाजिक विकास के मुख्य घटक के रूप में तेजी से स्वीकार किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर मानव संसाधन क्षमता की कमी और गुणवत्ता निवारण और पुनर्वास सेवाओं की कमी इन कानूनों को लागू करने में चुनौती है। परिणामस्वरूप लाखों बच्चे हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण का शिकार होते हैं। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हर विद्यार्थी के लिए हिंसा, प्रताड़ना और शोषण से मुक्त एक स्वस्थ्य पारिवारिक माहौल सुनिश्चित करने में मदद करें। 

क्या है साइबर अपराध?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को आनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक्त नजर रखना आदि।

क्या है पाक्सो एक्ट (POCSO Act) ?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने पाक्सो एक्ट के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पाक्सो (POCSO) जिसका पूरा नाम The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नाेग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।









क्विज कांटेस्ट हेतु फिट इंडिया पोर्टल पर दो होनहार बालिकाओं का हुआ पंजीयन ...


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में फिट इंडिया क्विज के अंतर्गत समस्त विद्यार्थियों के मध्य एक प्रश्नोत्तरी मंच का आयोजन किया गया जिसमें खेलकूद व स्वस्थ्य जीवन शैली की गतिविधि से संबंधित सवाल जवाब पूछे गये। प्रधान पाठक श्री भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में शिक्षक श्री कन्हैया लाल मरावी व कर्मचारी श्री हेमंत यादव के सहयोग से विद्यार्थियों को स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए प्रतिदिन न्यूनतम आधा घंटा अपने स्वास्थ्य के देखभाल के लिए योगा, व्यायाम, शारीरिक मेहनत करने हेतु अपील की गयी और सभी मिलकर इसे एक जन आंदोलन बनाने हुए फिटनेस की डोज, आधा घंटा रोज के मंत्र को अपनाने का आग्रह किया गया।
इस संबंध में विद्यालय के नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि फिट इंडिया मूवमेंट अगस्त 2019 में शरीरिक फिटनेस को प्रोत्साहित करने हेतु भारत सरकार द्वारा देश भर में प्रारंभ किया गया था। इसके माध्यम से शालेय विद्यार्थियों के मध्य फिटनेस एवं खेल के प्रति जागृति उत्पन्न करने हेतु फिट इंडिया मिशन भारत सरकार ने जून 2022 में फिट इंडिया क्विज कराने का निर्णय भी लिया है। इस क्विज का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने फिटनेस एवं खेल संबंधी ज्ञान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना है। शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि उच्च कार्यालय के निर्देशानुसार पोर्टल में विद्यालय का पंजीयन पूर्व में ही किया जा चुका था। आज प्रश्नोत्तरी व खेल गतिविधि के बाद कक्षा 8 वीं के 2 बालिका गीतांजली यादव व रजनी यादव का पारदर्शी तरीके से चयन कर फिट इंडिया पोर्टल पर मांगी गयी वांछित जानकारी अपलोड कर आनलाईन एक्जाम शुल्क भी जमा की गयी है। इसकी सूचना जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा जांजगीर-चांपा (छ.ग.) को प्रेषित की गयी है। इस अवसर पर एमएमसी अध्यक्ष श्री चंदराम साहू,  श्रीमती सावित्री बाई चौहान सहित पालकों ने बच्चों के उज्जवल्य भविष्य की मंगल कामना की है। 
















राष्ट्रीय पोषण माह की बैठक कर बच्चों व माताओं को दी गई सुपोषण की जानकारी....



विद्यार्थियों में सुपोषित आहार से स्वास्थ्य व्यवहार को विकसित करने के लिए आज 21 सितंबर 2022 बुधवार को जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक अंतर्गत शास. पूर्व माध्य. शाला नवापारा (अमोदा) नवागढ़ में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया गया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन, मध्यान्ह भोजन रसोईयों सहित माताओं को आमंत्रित कर जन-जागरूकता के लिए रैली भी निकाली गई। इसमें बच्चे एवं महिलाओं ने हाथों में तख्ती लेकर पौष्टिक आहार जीवन का आधार, जीवन के लिए है वरदान, आओ शुरू करें पोषण अभियान, हम सब के लिए है उपहार, पोषण बिना जीवन बेकार आदि के नारे लगाए गए। साथ ही लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखकर बीमारियों से बचने, गर्म भोजन करने तथा पौष्टिक आहार सब्जी, दाल-चावल, रोटी खाने के लिए प्रेरित भी किया। कार्यक्रम में सुपोषण के प्रति उपस्थित शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को जागरूक भी किया। शाला प्रबंधन समिति व प्रधान पाठक श्री भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक श्री कन्हैया लाल मरावी, श्री हेमंत कुमार यादव, श्री छोटेलाल साहू, श्रीमती सावित्री बाई, श्रीमती कुमारी बाई, श्रीमती कांति बाई, श्रीमती रामबाई, श्रीमती संतोषी बाई, श्रीमती बुटाना बाई, श्रीमती सुमित्रा बाई, श्रीमती सविता बाई, श्रीमती लीला बाई, श्रीमती पंचमती केंवट, कुमारी पूजा यादव, कुमारी रजनी केंवट सहित विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांव की मितानिन दीदी श्रीमती सरोजनी बाई साहू ने बताया कि पौष्टिक आहार कई बीमारियों से बचाता है और यह स्वस्थ जीवन की कुंजी है। नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने आयोजन के संबंध में बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह की शुरूआत साल 2018 में की गई थी। उस समय से यह हर साल सितंबर महीने में मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य मकसद महिलाओं की सेहत और बच्चे की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी लोगों को पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना है। कुपोषण एवं एनिमिया के स्तर में व्यापक कमी लाने तथा सुपोषित भारत की अवधारणा को साकार करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिनांक 1 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2022 तक पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय पोषण अभियान अंतर्गत पोषण माह का संचालन किया जाना है। उन्होंने सभी बच्चों को घर में दाल-चावल, हरी सब्जी खाने पर जोर देते हुए संपूर्ण पोषण के लिए दूध, अंडा, पालक, गाजर, मूली का सेवन करने की सलाह दी गई।

इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण अभियान के मुख्य 4 थीम निर्धारित किया गया है जो निम्नानसार है-
1 महिला व स्वास्थ्य
2 बच्चा एवं शिक्षा पोषण भी पढ़ाई भी
3 लैंगिक संवेदनशील जल संरक्षण और प्रबंधन
4 जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के लिए पारंपरिक भोजन














कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम के ब्लाक नोडल बनाये गये शिक्षक राजेश सूर्यवंशी ...


10 कार्यक्रमों के अंतर्गत कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम के लिए नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी को कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा जांजगीर-चांपा द्वारा नवागढ़ विकासखण्ड के नोडल अधिकारी बनाये गये है। गत 14 सितंबर 2022 को जारी आदेश में कहा गया है कि अपने पदीय दायित्वों के अतिरिक्त इस कार्य को भी प्राथमिकता से निर्वहन करेंगे। वही इस कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी जैजैपुर विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक श्री धरणीधर चन्द्रा बनाये गये है। शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम के तहत पूर्व वर्षों में भी उनके द्वारा विद्यालय स्तर पर सैकड़ों टीएलएम तैयार किये गये थे वही अब विकासखण्ड स्तर पर इस कार्य को बेहतर ढंग से करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि जिला व ब्लाक के विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में नवागढ़ ब्लाक के सभी 42 संकुलों अंतर्गत प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं में कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्वयन किया जायेगा। उनके इस उपलब्धि पर प्रधान पाठक श्री भानूप्रताप महाराणा, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री चंदराम साहू, शाला आपदा प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्रीमती सावित्री बाई चौहान, शिक्षक श्री कन्हैयालाल मरावी, श्री हेमंत कुमार यादव सहित डिजिटल विद्यालय परिवार शास. पूर्व माध्य. शाला नवापारा (अमोदा) ने हर्ष व्यक्त करते हुए उज्जवल्य भविष्य की मंगल कामना की है।





















विश्व ओजोन दिवस पर डिजिटल स्कूल के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण की ली शपथ...


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) नवागढ़ में आज 16 सितंबर 2022 शुक्रवार को विश्व ओजोन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने डिजिटल कक्ष में ओजोन दिवस से जुड़े विडियों का अवलोकन किया साथ ही मैदान में पौधारोपण कर पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से ओजोन परत सुरक्षा की शपथ ली। शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री चंदराम साहू व प्रधान पाठक श्री भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने विद्यार्थियों को ओजोन परत का महत्व समझाते हुए कहा कि पृथ्वी के समताप मंडल में उपस्थित ओजोन परत यदि हटा दी जाए तो सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैगनी विकिरणें सीधे पृथ्वी तक पहुंच जाएंगी। इनसे कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होंगी। जिसमें मुख्य रूप से त्वचा का कैंसर व अन्य बीमारियां शामिल है। शिक्षक ने बच्चों को बताया कि ओज़ोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जिसमें ओजोन गैस की सघनता अपेक्षाकृत अधिक होती है। ओज़ोन परत के कारण ही धरती पर जीवन संभव है। यह परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के पराबैंगनी प्रकाश की 90-99 प्रतिशत मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। पृथ्वी के वायुमंडल का 91 प्रतिशत से अधिक ओज़ोन यहां मौजूद है। नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022 में ओजोन दिवस का थीम है- पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग। ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाला मुख्य रसायन क्लोरो फ्लोरो कार्बन है। जिसका वृहद स्तर पर उपयोग एयर कंडीशनर, फ्रिज, परफ्यूम व कम्प्यूटर उपकरणों को साफ करने में किया जाता है। शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने कहा कि अमेरिका विश्व का सबसे अधिक सीएफसी उपयोग करने वाला देश है। ओजोन परत को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा। इसके साथ ही एयर कंडीशनर, फ्रिज व परफ्यूम का उपयोग बहुत ही संतुलित रूप में करना होगा। जिससे महत्वपूर्ण ओजोन परत का संरक्षण किया जा सके। 







ओजोन परत किस तरह हमें घातक किरणों से बचाती है?
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, वातावरण में ओजोन बहुत कम मात्रा में ही मौजूद है। फिर भी, यह मानव कल्याण के साथ-साथ कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। पृथ्वी का अधिकांश ओजोन समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में रहती है, यह वायुमंडल की वह परत है जो सतह से 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है। वायुमंडलीय ओजोन का लगभग 90 फीसदी समतापमंडलीय ओजोन परत में है, जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी की सतह को बचाता है।  



ओजोन कैसे बनती है और यह वायुमंडल में कहां है?
ओजोन एक गैस है जो हमारे वातावरण में स्वाभाविक रूप से मौजूद है। ओजोन का रासायनिक सूत्र व्3 है क्योंकि एक ओजोन अणु में तीन ऑक्सीजन परमाणु होते हैं। ओजोन की खोज 1800 के मध्य में प्रयोगशाला प्रयोगों में की गई थी। वातावरण में ओजोन की उपस्थिति को बाद में रासायनिक और आप्टिकल माप विधियों का उपयोग करके खोजा गया, ओजोन कई रासायनिक यौगिकों के साथ तेजी से प्रतिक्रिया करती है और जिससे केंद्रित मात्रा में विस्फोटक होता है। विद्युत डिस्चार्ज का उपयोग आमतौर पर औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे वायु और जल शोधन और कपड़ा और खाद्य उत्पादों की रंगाई (विरंजन) के लिए ओजोन का उत्पादन किया जाता है।



हम वायुमंडलीय ओजोन की सुरक्षा क्यों करें?
अच्छी ओजोन, जिसे स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन भी कहते हैं जो मनुष्यों और अन्य जीवों के लिए अच्छी मानी जाती है। यह सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करती है। यदि इसे अवशोषित नहीं किया जाता है, तो तेज ऊर्जा यूवी विकिरण पृथ्वी की सतह तक पहुंच जाएगी जो मनुष्यों सहित विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए हानिकारक है।


वायुमंडल में ओजोन को कैसे मापा जाता है?

वायुमंडल में ओजोन की प्रचुरता को विभिन्न प्रकार की तकनीकों द्वारा मापा जाता है। तकनीकें ओजोन के अनूठे आप्टिकल और रासायनिक गुणों का उपयोग करती हैं। माप तकनीकों की दो प्रमुख श्रेणियां हैं- स्थानीय और दूरस्थ।



क्या मानव गतिविधियों से उत्पन्न उत्सर्जन ओजोन घटने के लिए जिम्मेदार है?
कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं और उपभोक्ता उत्पादों के परिणामस्वरूप वातावरण में ओजोन-घटने वाले पदार्थों (ओडीएस) का उत्सर्जन होता है। ओडीएस हैलोजन गैसों से निर्मित हैं जो मान्ट्रियल प्रोटोकाल द्वारा दुनिया भर में नियंत्रित की जाती हैं। ये गैसें क्लोरीन और ब्रोमीन परमाणुओं को समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में लाती हैं, जहां वे रासायनिक प्रतिक्रियाएं कर ओजोन को नष्ट करते हैं। महत्वपूर्ण उदाहरण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) हैं, एक बार लगभग सभी ठंड़ी करने वाली और एयर कंडीशनिंग सिस्टम में उपयोग की जाती है और हॉलोन, जो आग बुझाने वाले एजेंटों के रूप में उपयोग की जाती थी।



                                                 ओजोन दिवस कार्यक्रम में सहभागिता
आज के कार्यक्रम में श्रीमती सावित्री बाई चौहान, श्रीमती दीपक बाई, श्रीमती जानकी बाई, श्री सनत साहू कर्मचारी हेमंत कुमार यादव सहित कक्षा सातवीं से पूजा कंवर, कविता कंवर, साहिल कंवर, शिवा केंवट, लव कुमार यादव, कुश कुमार यादव, शंकर लाल साहू, हिमांशु साहू, सागर साहू, शिवा साहू, सोनिया यादव, रीना साहू, श्रुति चौहान, रूचि चौहान, प्रतिज्ञा केंवट, सानिया साहू, प्रीति केंवट, काजल यादव, सानिया यादव, छाया यादव, संजना यादव, दामिनी गाड़ा, पायल यादव, खुश्बू बरेठ, निशा यादव, कान्हा यादव, हिमेश यादव, गौरव यादव, शीतल केंवट, अंजली साहू, काजल कंवर, देवलाल कुर्मी, अजेन केंवट, गांधीलाल केंवट, आरती यादव व हिमेश देवांगन। कक्षा छठवीं से गजानंद केंवट, रोहन साहू, तिलेश्वर केंवट, आशा साहू, आरती साहू, उमा केंवट, पंकज यादव, हिमांशु यादव, अरविंद यादव, देवराज यादव, रोशन केंवट, हिमांशी साहू, सिम्मी कंवर, दुर्गा कंवर, रिया साहू, कन्या कुमारी, युवराज साहू, यंकिता यादव, सिमरन यादव, चांदनी साहू, निधि यादव, दीपेश साहू, धनराज यादव। कक्षा आठवीं से अभय केंवट, सूरज कंवर, दीपक केंवट, संजय केंवट, मंदीप केंवट, सुमित साहू, गोमती केंवट, मनीषा केंवट, प्रभा साहू, संध्या चौहान, दिव्या केंवट, मंजू साहू, गीतांजली यादव, संजना यादव, अनिल यादव, भीमा यादव, रजनी यादव, मनीष यादव, निशी यादव, महारथी साहू, खितराज साहू, आर्यन यादव, प्रशांत कश्यप, दीपक कश्यप, दीप्ति साहू, भाग्यश्री साहू व रूपा साहू का सराहनीय योगदान रहा।





दैनिक समाचार पत्रों में गतिविधियों का प्रकाशन














डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में शिक्षा सत्र के अंतिम दिवस आज 29 अप्रैल शनिवार को प्रगति पत्रक वितरण सह दीक्षांत समार...