The Digital Teacher : September 2018

विश्व हिंदी दिवस संगोष्ठी का आयोजन, मातृभाषा के महत्व से अवगत हुए विद्यार्थी ...







हिंदी जन-जन की भाषा ही नहीं बल्कि पूरे भारत की आशा भी है। विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। पूरी दुनिया में हिंदी की पहचान बनाने के लिए सभी को और प्रयास करने की जरूरत है। हम सभी को विद्यार्थी जीवन से ही शुद्ध हिंदी बोलने व लिखने तथा व्यवहार में लाने के लिए निरंतर प्रयास करने की जरूरत है।
उक्त बातें दलित साहित्य अकादमी के जांजगीर-चांपा जिलाध्यक्ष ने कही। वे आज 14 सितंबर 2018 हिंदी दिवस के अवसर पर नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य. शाला नवापारा अमोदा में आयोजित एक संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री लहरे ने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति में रची-बसी है, रगों-रगों में घुली-मिली हुई है। यह एक विशाल समाज की भाषा है। बहुसंख्यक नागरिकों से संपर्क के लिए हिंदी अनिवार्य है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान पाठक कन्हैया लाल मरावी ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हिंदी वर्तमान में कई राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान आदि की भाषा है। इनका प्रशासनिक कार्य हिंदी के माध्यम से ही चलता है। इस सत्य के बावजूद लोगों का अंग्रेजी के प्रति आकर्षण कम होता नजर नहीं आता है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और इस भाषा के प्रति हमारे मन में लगाव होना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने अपने संबोधन में कहा कि अपनी भाषा तो भावनात्मक रूप से हमारे दिल में बसती है और हमें हिंदी भाषा को बचाने, उसे समृद्ध करने एवं प्रचारित करने के किए काम करने की जरूरत है। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती की पूजा अर्चना व अतिथियों के स्वागत सत्कार के साथ किया गया। कार्यक्रम में बच्चों व समुदाय के समक्ष हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए विडियों का प्रदर्शन किया गया। इस बीच मुख्य अतिथि व प्रधान पाठक ने बाल केबिनेट के प्रधानमंत्री दुर्गा कर्ष सहित सभी मंत्रियों अरूण यादव, हिमानी यादव, राज यादव, कुमारी नागेश्वरी साहू, लक्ष्मीसागर केंवट, करन कर्ष व लक्ष्मीन केंवट को बुके भेंटकर उनका अभिनंदन कर उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ कराया। कार्यक्रम का संचालन उच्च वर्ग शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने तथा आभार प्रदर्शन प्रधान पाठक कन्हैया लाल मरावी ने किया। इस दौरान साधराम यादव, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमती सावित्री बाई चोहान, श्रीमती रूपा चैहान, श्रीमती कांति बाई साहू, नर्मदा साहू सहित समुदाय के लोग, महिला समिति के सदस्यगण व विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
 

मोटिवेशनल स्पीकर सारवत हुसैन नकवी के प्रेरणादायी संबोधन से प्रेरित हुए विद्यार्थी व शिक्षक





एक विद्यार्थी के रूप में हमें चीजों को देखना है, सुनना और समझना है और शिक्षकों की मदद से उस पर प्रयोग करना है। शिक्षकों को परीक्षा के दौरान बच्चों को मनोवैज्ञानिक रूप से सहज बनाने की जरूरत होती है ताकि परीक्षा के हौव्वा से वो उपर उठकर काम कर सके। परीक्षा के दौरान लिखने में मौलिकता होनी चाहिए रटकर उसे जस का तस लिख देने से मौलिकता नहीं आती है। जीवन में खूब पढ़ो आगे बढ़ो लेकिन हमें रोज एक घंटे अपने देश के लिए और एक घंटे अपने देह के लिए जरूर निकालना चाहिए। अपने आप को लगातार प्रेरित करते रहिए ताकि सीखने सिखाने की प्रक्रिया सतत रूप से जारी रहे।
उक्त बातें रायपुर से पहुंचे नेशनल लेप्रोसी इरेडीकेशन प्रोग्राम के पब्लिक हेल्थ कोआर्डिनेटर राज्य प्रभारी व मोटिवेशनल स्पीकर सारवत हुसैन नकवी ने कही, देश विदेश में भ्रमण कर अनेक भाषाओं के ज्ञाता श्री नकवी 12 सितंबर 2018 को अपने सहयोगियों के साथ जांजगीर-चांपा जिले के प्रथम डिजिटल स्कूल शासकीय पूर्व माध्य. शाला नवापारा अमोदा के अवलोकन पर पहुंचे श्री नकवी ने विद्यार्थियों, शिक्षकों व समुदाय के लोगों को अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि कुछ चीजे ऐसी होती है जिसे हम अपने मन में भ्रांति बनाकर रखते है कि हम ये नहीं कर सकते वो नहीं कर सकते किंतु दृढ़ इच्छा शक्ति से कुछ भी करना संभव हो जाता है। मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि से रहा हूं सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं हमारे समय में टेक्नालाजी नहीं होता था आज ब्लूटूथ, इंटरनेट व ई मेल की सुविधा है कुछ साल पहले तक इनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था किंतु हमारे कुछ अच्छे शिक्षकों के द्वारा दी गयी शिक्षा की वजह से ही आज हम बेहतर व्यक्ति बनकर आप लोगों के सामने बोल पा रहे है। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि आज एक शिक्षक अपने बच्चों को जो ज्ञान देता है बीस साल बाद उसे देश प्राप्त करता है। आने वाले समय में आप सब विविध क्षेत्रों में जाकर देश व समाज की सेवा करेंगे और अपने शिक्षक से मिली संस्कार से आने वाली पीढ़ी को संस्कारित करेंगे। श्री नकवी ने शिक्षक राजेश सूर्यवंशी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आप सब सौभाग्यशाली है कि आपके बीच ऐसा सेवाभावी शिक्षक मौजूद है जो अपना समय ही नहीं बल्कि पैसा और संसाधन लगाकर विद्यालय के बेहतरी के लिए काम कर रहे है, बड़े पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर यहां सुविधा संसाधन मौजूद है जो कि यहां के शिक्षकों के सेवाभावना को इंगित करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस स्कूल के बारे में बहुत बार सुना था और यहां आने की प्रबल इच्छा हुई और आज आप सबके बीच पहुंचकर विद्यालय में हुए पर्यावरण व डिजिटल क्षेत्र में हुए कार्य को देखकर अभिभूत हूं। श्री नकवी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के पास अनेक डिग्रिया थी मैं उनसे प्रेरित होकर लगातार पढ़ रहा हूं और पढ़ने की इच्छा इतनी प्रबल रही कि कनाडा व यूरोप तक गया और डिग्रिया हासिल की। हमारे देश व विदेश की शिक्षा पद्धति में भारी अंतर है सांस्कृतिक विविधता से लेकर बोलचाल की भाषा में बड़ा अंतर है। श्री नकवी ने कहा कि हमें हिंदी व अंग्रेजी बोलने का निरंतर अभ्यास करना चाहिए बोलते समय व्याकरण के सही गलत की चिंता न करें बल्कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखे और संकोच न करें। ऐसे कार्य में हमें मदद देने की जरूरत है उनकी टूटी फूटी भाषा के लिए उन्हें हतोत्साहित न करें बल्कि प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि विदेश की शिक्षा में बहुआयामी व्यक्तित्व के रूप में निखारने का काम होता है जबकि अपने यहां उल्टा होता है यहां रटकर लिखने की प्रवृत्ति पर बल दिया जाता है। हमें इस सिस्टम को बदलने की जरूरत है। हमारे देश में आज भी एकजुटता, एकरूपता का अभाव है और भ्रांतिया, अंधविश्वास व छुआछूत जैसे भावनाएं प्रबल है। अपने देश में हम सब अनेक वर्गों में विभाजित है किंतु बाहर जाने पर हमारी एक ही पहचान होती है कि हम भारतीय है। गौरतलब हो कि सारवत हुसैन नकवी जी कनाडा, यूरोप जैसे विदेशों में शिक्षा प्राप्त कर पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सेवा क्षेत्रों में काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था से जुड़कर काम कर चुके है तथा वर्तमान में नेशनल लेप्रोसी इरेडीकेशन प्रोग्राम में पब्लिक हेल्थ कोआर्डिनेटर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। इनके पास वर्तमान में महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ का प्रभार है। इस अवसर पर सरगुजा विश्व विद्यालय के सहा.प्राध्यापक गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी भी विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने विद्यार्थियों का कैरियर मार्गदर्शन किया। इससे पूर्व सभी अतिथियों का विद्यार्थियों ने गुलदस्ता भेंटकर व प्रेरणा गीत हम हांेगे कामयाब गीत गाकर स्वागत किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन उच्च वर्ग शिक्षक हीरालाल कर्ष ने तथा आभार प्रदर्शन प्रधान पाठक कन्हैया लाल मरावी ने किया। इस दौरान संतोष कुमार श्रीवास, राजेश कुमार सूर्यवंशी, साधराम यादव, दी लेप्रोसी मिशन चांपा से अनिल धीवर, धरम सिंह सिदार, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमती सावित्री बाई चैहान, साधराम यादव, बाल केबिनेट के प्रधानमंत्री कुमारी दुर्गा कर्ष, अरूण यादव, हिमानी यादव, राज यादव, कुमारी नागेश्वरी साहू, लक्ष्मीसागर केंवट, करन कर्ष, पूजा यादव, लक्ष्मीन केंवट, समुदाय के लोग, महिला समिति के सदस्यगण व विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे..
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