The Digital Teacher : May 2018

शिक्षकों में सीखने सिखाने की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन


अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के विद्वान अकादमिक सदस्यों के साथ जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ और पामगढ़ ब्लाक के सरकारी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का विषय आधारित आवासीय प्रशिक्षण 14 मई से आरंभ होकर 26 मई तक संपन्न हुआ। पहले चरण में 14 से 18 मई तक जबकि द्वितीय व अंतिम चरण में 22 से 26 मई तक बिलासपुर कोनी स्थित आधारशिला विद्या मंदिर के प्राकृतिक वातावरण के अलग-अलग समूहों में पर्यावरण, गणित, भाषा व विज्ञान विषयों पर सीखने सिखाने का बेहतर अवसर प्राप्त हुआ।  कार्यशाला की शुरूआत विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ श्री जे.के. बावड़े व सहा. वि.ख. शिक्षा अधिकारी श्री आर.एन.शर्मा के उद्बोधन से हुआ जहां श्री बावड़े ने भारत के बिल गेट्स कहे जाने वाले अजीम हाशिम प्रेमजी के जीवनी व उनके समाज पर योगदान पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने अपील किया कि सीखे हुए ज्ञान को बच्चों तक जरूर पहुंचाये तभी हमारा सीखना सार्थक होगा। विज्ञान पढ़ाना तभी सार्थक होगा जब हम बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास कर सके, हम विज्ञान की कक्षा में कल्पना नहीं बल्कि परिकल्पना, प्रयोग, अवलोकन, विश्लेषण और निष्कर्ष जैसे कौशलों का प्रयोग करें और बच्चों को इन कौशलों में दक्ष करें। आज विज्ञान की कक्षा में रचनात्मकता लाने की दिशा में सामूहिक प्रयास की महती आवश्यकता है। अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के 5 दिवसीय विषय आधारित कार्यशाला के विज्ञान विषय की पहले दिन की शुरूआत फाउण्डेशन के वरिष्ठ और अनुभवी श्री सुभाष जी के इस प्रेरणादायी चर्चा के साथ शुरूआत हुई। द्वितीय दिवस 23 मई को विज्ञान समूह के हमारे शिक्षक साथियों सहित फाउण्डेशन के अनुभवी सदस्यों के साथ हमने पौधों के वर्गीकरण पर काम किया, समूह कार्य, गतिविधि और प्रदर्शन से एक बीजपत्री, द्विबीजपत्री पौधों पर गहरी समझ बनी। विज्ञान की छोटी छोटी गतिविधियों को बच्चों के साथ करते रहने से उनमें जिज्ञासा बढ़ती है वे स्वयं सवाल बनाते है और करते है, हमें उन्हे उनके परिकल्पना को जांचने अवलोकन करने निष्कर्ष निकालने और उससे किसी सिद्धांत तक पहुंचने के कौशलों का विकास करने में सहभागी बनना पड़ेगा। तीसरे दिवस 24 मई को हम सभी ने मिलकर ग्राफ बनाने, अवलोकनों का प्रेक्षण लेने तथा गणितीय गणना करने के कौशलों पर विज्ञान समूह के शिक्षकों ने काम किया, पैराशूट बनाया और उंचाई से उसे गिराकर परिकल्पना से निष्कर्ष तक पहुंचे और सिद्धांतों की जांच हुई। एक शिक्षक के नाते हमारी सबसे पहली जवाबदेही अपने स्कूली बच्चों के प्रति है न कि सहकर्मी और अफसरों के, हमारा अस्तित्व इसीलिए है कि हमारे विद्यालय में बच्चे है यदि ये नहीं तो हमारी क्या उपयोगिता होगी? इस तरह की समझ के साथ चतुर्थ दिवस 25 मई के प्रथम सत्र में जहां हम सबने एडवर्ड जेनर द्वारा टीका की खोज संबंधी गतिविधियों पर चित्र चार्ट की गतिविधियां करके यह समझने का प्रयास किया कि किसी खोज के लिए वैज्ञानिक किन प्रक्रियाआंे से होकर गुजरते है और समाज विज्ञान को किस तरह से प्रभावित करता है तो वही द्वितीय सत्र में रसायनिक अभिक्रियाओं को समझने उदासीनीकरण अभिक्रिया पर अम्ल, क्षार व लवण के साथ काम करके अपनी समझ बनाया। अंतिम 5 वें दिवस 26 मई को हम सबने प्रकाश संश्लेषण, कोशिका, श्वसन जैसे बिंदूओं पर व्यापक चर्चा परिचर्चा, विडियो प्रदर्शन के माध्यम से अपनी समझ बनायी। कार्यशाला के अंतिम दिवस 26 मई को शिक्षक साथियों से रूबरू होने और अनुभव बांटने पर बात हुई, इस दौरान मैंने कई महत्वपूर्ण बिंदूआंे पर अपनी बात रखी किंतु सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि सीखने सिखाने की इस प्रक्रिया को सतत रूप से जारी रखने हम सभी शिक्षक फाउण्डेशन के जांजगीर स्थित शिक्षक अधिगम केन्द्र (टीचर लर्निंग सेंटर-टी.एल.सी.) से जुड़े और अपनी बेहतरी के लिए कार्य करें। श्री सुभाष गोस्वामी जी, श्री रवि सिंह, श्री विवेक सिंह, श्री नीरज राणा, श्री नवनीत वर्मा, श्री अजय कुमार विश्वकर्मा, कुमारी सारिका, कुमारी मारिया, कुमारी अर्चना, राजेश जी, कपिलदेव जी रायगढ़ सहित अजीम पे्रमजी फाउण्डेशन के तमाम अकादमिक सदस्यों के कुशल मार्गदर्शन में विज्ञान विषय के इस आवासीय प्रशिक्षण में मुझे 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ प्रभावी ढंग से सीखने सिखाने में बड़ा सहयोग मिला जिनमें श्री आर.के. द्विवेदी संकुल प्रभारी धुरकोट, श्री के.के. सिंह पूर्व मा.शाला भैसदा अमोदा, श्री गिरधर निराला संकुल प्रभारी नवागढ़, श्रीमती गीता लहरे पूर्व मा.शाला पीथमपुर अमोदा, श्रीमती अनिता धु्रवे पूर्व मा.शाला धाराशिव खोखरा, श्रीमती मीनाक्षी चतुर्वेदी पूर्व मा.शाला बोड़सरा सिवनी, श्री अनिल टण्डन पूर्व मा.शाला उदयभाठा नवागढ़, श्री संजय सिंह राठौर पूर्व मा.शाला अमोरा अवरीद, श्री सुनील कुमार श्रीवास पूर्व मा.शाला बरगांव किरीत, श्री संजय कुमार वर्मा पामगढ़, श्री नरोत्तम लाल कुर्रे पूर्व मा.शाला जगमहंत अवरीद, श्री डेमन पाण्डेय पूर्व मा.शाला मौहाडीह अमोदा, श्री महेश्वर पुरी गोस्वामी पूर्व मा.शाला बनारी गौशाला नैला, श्री हेतराम कुर्रे पूर्व मा.शाला खरखोद पामगढ़ श्री दिलीप यादव पूर्व मा.शाला कन्या नवागढ़ शामिल रहे। कार्यशाला के दौरान डाइट जांजगीर की प्राचार्य श्रीमती सविता राजपूत व सहा.प्राध्यापक श्री यू.के. रस्तोगी जी भी पहुंचे और शिक्षकों से रूबरू हुए, उन्होंने जल्द ही इसी तर्ज पर डाइट में बेहतर ढंग से प्रशिक्षण आयोजित करने की बात कही और सभी से आग्रह किया कि इस सीखने सिखाने की प्रक्रिया को कक्षा तक ले जाये और बच्चों को इसका लाभ दे। इस पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में शिक्षकों को न केवल शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ा गया अपितु सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला से भी जोड़ते हुए उनकी छुपी हुई सांस्कृतिक प्रतिभा को उभारने उन्हे मंच प्रदान किया गया और कानन पेण्डारी जैसे वन्य जीव अभ्यारण का अवलोकन भ्रमण करने का अवसर भी दिया गया, कुल मिलाकर पूरा आयोजन सीखने सिखाने के लिए एक बेहतर और समृद्ध माहौल बना, यह माहौल आगे भी जारी रहे बना रहे इसके लिए हम सबको इस संस्थान की गतिविधियों से जुड़े रहने की जरूरत होगी ...
(मेर इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। इस पोस्ट के बारे में अपनी राय साझा करिए। अपने नाम के साथ अपनी टिप्पणी कमेंट बाक्स में लिख सकते हैं। शिक्षा से जुड़े कोई सवाल, सुझाव या लेख आपके पास हों तो मुझे जरूर साझा करें। मैं उसे अपने ब्लाग पर लेने का प्रयास करूंगा ताकि अन्य शिक्षक साथी भी इससे लाभान्वित हो सकें।)          

शास. उ.मा.शाला अमोदा में बोर्ड का परीक्षा परिणाम रहा शत प्रतिशत


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के संकुल केन्द्र अमोदा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला अमोदा का छ.ग. बोर्ड परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। विद्यालय में कक्षा 12 वीं में कुल 38 विद्यार्थी थे जिसमें 14 प्रथम श्रेणी में, 19 द्वितीय श्रेणी व 2 तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। कक्षा 10 वीं में कुल 64 विद्यार्थी थे जिसमें 22 प्रथम श्रेणी, 27 द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण रहे।
बोर्ड परीक्षा परिणाम के संबंध में प्राचार्य गोविन्द प्रसाद चैरसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि शाला प्रबंधन समिति व स्टाफ की कड़ी मेहनत व एससीईआरटी के प्रोफेसर सतीश पाण्डेय सहित जिले के विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन से कक्षा 12 वीं का परीक्षा परिणाम 92.1 प्रतिशत तथा 10 वीं का 76.6 प्रतिशत रहा। 12 वीं बोर्ड गणित समूह में कांतेश कुमार नामदेव पिता दिलीप कुमार ने 92 प्रतिशत अंकों के साथ शाला में प्रथम स्थान बनाया, कुमारी ज्योति यादव पिता भरत लाल ने 88.6 प्रतिशत अंकों के साथ द्वितीय स्थान, खितेश कुमार चैहान पिता दिलीप कुमार ने 86.2 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान तथा कुमारी तिलोत्मा नामदेव पिता दिलीप कुमार ने 81.6 प्रतिशत अंकों के साथ चतुर्थ स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह से कक्षा दसवीं बोर्ड में कुमारी निहारिका चंद्राकर पिता नोहर लाल ने 85.1 प्रतिशत अंकों के साथ शाला में प्रथम स्थान पर रही, कुमारी संध्या यादव पिता मनोज यादव ने 81.5 प्रतिशत अंक के साथ द्वितीय तथा कुमारी अंजली देवांगन पिता नारायण प्रसाद ने 81 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है। विद्यालय की इस उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम पर डीईओ जी.पी.भास्कर, बीईओ जितेन्द्र कुमार बावड़े, बीआरसीसी श्रीमती रिषीकांता राठौर, एबीईओ संजय देवांगन, आरएन शर्मा, अभिलाषा अग्रवाल, शाला के प्राचार्य गोविन्द प्रसाद चैरसिया, शैक्षिक समन्वयक अनिल पाण्डेय, सतीशचंद्र शुक्ला, श्रीमती दुर्गा भगत, आरती तिग्गा, श्रीमती अंजना खाखा, यू.एल. तारण, एस.एल.जोशी, विजय ताण्डे आरएमएसए प्रभारी, चंक्रपाल तिवारी, गोवर्धन राठौर, नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्रीमती रेखा देवी कमलेश, सदस्यगण पंचराम कमलेश, सीताराम देवांगन, महावीर करकल, कुशल देवांगन, श्रीमती निशा यादव उपसरपंच, सीताराम यादव सहित विद्यालयीन स्टाफ रमेश लदेर, मनमोहन साहू, सतीश साहू, अशोक देवांगन, सी.एस.राठौर, श्रीमती चांदनी सिंह, कौतुकमणि सिंह, राजेन्द्र सिंह राजपूत, रंजीत कश्यप, सैयन एक्का, शांतनु सूर्यवंशी, श्याम लाल यादव, पीएल राठौर, बृजेश करियारे, मंशाराम कौशिक, शंकर लाल बरेठ सहित समुदाय के लोगों ने बच्चों के उज्जवल्य भविष्य की कामना करते हुए बधाई प्रेषित की है। विदित हो कि बीते शिक्षा सत्र 2016-17 में विद्यालय का हाई स्कूल परीक्षा परिणाम 89.1 प्रतिशत तथा हायर सेकेण्डरी का 84 प्रतिशत रहा जो कि जिले में प्रथम स्थान पर रहा और एससीईआरटी व माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर में प्राचार्य गोविन्द्र प्रसाद चैरसिया को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।


मैं विचारों का स्वागत करता हूं, मैं हर चीज के लिए खुला हूं....




‘सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा’ का नारा सुनकर बड़ा सकून महसूस होता है लेकिन मुझे लगता है कि हम केवल इस नारा को लेकर ही बढ़ते चले जा रहे है। परीक्षा नीति को लचीला और किसी को फैल न करने की परंपरा का सबसे कमजोर पक्ष यही है कि आज हम परीक्षाओं का दबाव बच्चों पर नहीं डाल रहे है लेकिन ऐसी पढ़ाई का नतीजा क्या निकल रहा है? हमें एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा कि अमुक कक्षा की पढ़ाई के बाद बच्चे को इतना आना चाहिए, या फला कक्षा के बाद विद्यार्थी को इतना आना ही चाहिए क्योंकि वर्तमान में स्थिति विकट है जब हम पाते है कि पांचवी कक्षा का एक छात्र गिनती नहीं कर पाता, वह दूसरी कक्षा की किताब नहीं पढ़ पाता। क्या यही परिणाम हमने सोचा था? मित्रों एक शिक्षक होने के नाते हमारी पूरी बिरादरी की यह महती जिम्मेदारी है कि शिक्षा सबकी पहुंच में हो, उसकी गुणवत्ता बेहतर हो, सबको समान रूप से हासिल हो, खर्च के दायरे में हो और हर चीज के लिए जवाबदेही तय हो। हम सबको मिलकर छात्रों की जिज्ञासा को बढ़ावा देना होगा, ऐसा नहीं है कि यह सब नहीं हो रहा है लेकिन इसे बड़े स्तर पर करने की जरूरत है। आज शिक्षा देना सिर्फ शिक्षकों के हाथ में ही नहीं है। हमें शिक्षा को मनोरंजक और इंटेरैक्टिव बनाना होगा। मैं शिक्षा में तरह-तरह के प्रयोगों का पक्षधर हूं बशर्तें उसके सकारात्मक और गुणात्मक परिणाम परिलक्षित हो। जब कोई बालक सवाल पूछता है तो यह उसके सीखने की शुरूआत होती है। अगर हम छात्र की इस जिज्ञासा को बढ़ाने में कामयाब होते है तो वह आगे चलकर कुछ नया और बड़ा जरूर करेगा। कुल मिलाकर शिक्षा का यही मतलब है। आखिर शिक्षा का अंतिम लक्ष्य ही होता है देश व समाज के लिए एक अच्छा इंसान तैयार करना। इन सबके लिए शिक्षकों के विचार आने चाहे, वो सकारात्मक हो यह जरूरी नहीं क्योंकि मैं तो मैं हर तरह के विचारों का स्वागत करता हूं, मैं हर चीज के लिए खुला हुआ हूं...
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सतत रूप से सीखने सिखाने की प्रक्रिया है शिक्षक प्रशिक्षण



आज का दिन अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के संग...

जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव 2018 में शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी में उमड़ रही भीड़






विज्ञान प्रशिक्षण में शिक्षकों ने सीखे टीएलएम बनाने के गुर


बड़े लक्ष्य बनाकर जीवन में बढ़े आगे


एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली के प्रशिक्षण कार्यक्रम 2016 में सहभागिता



लैंग्वेज लर्निंग फाउण्डेशन के डिप्लोमा कोर्स में आया मेरा दूसरा स्थान

डाइट की मासिक बैठक में दिया अपने शैक्षणिक गतिविधियों का ब्यौरा ....


दूसरों से पौधे मांगकर विद्यालय को बनाया आक्सीजन जोन- दैनिक भास्कर


पानी की हर बूंद से मिलती है जीवन चाहे इंसान हो पौधे


नववर्ष 2018 के प्रथम दिवस हरिभूमि के प्रथम पृष्ठ में मेरे शैक्षणिक कार्यों का ब्यौरा


जिला पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा से स्कूल को मिला कम्प्यूटर सेट का तोहफा


नवाचारी गतिविधियों का अखबार में प्रकाशन


सार्वजनिक आयोजनों में विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सहायक सामग्रियों का प्रदर्शनी


टी.वी. न्यूज चैनल में मेरे शैक्षणिक गतिविधियों का प्रसारण


विश्व जल दिवस 2018 की झलकियां छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस अखबार की नजर से


जिले की शैक्षणिक गतिविधियों में सहभागिता का समाचार. नवभारत अखबार

विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि का प्रकाशन- पत्रिका 23 मार्च 2018


विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि का प्रकाशन- पत्रिका 28 फरवरी 2018


मैंने जिये अपने जीवन के महत्वपूर्ण 10 मिनट


मैंने जिये अपने जीवन के महत्वपूर्ण 10 मिनट
मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार व राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा 23 से 27 अप्रैल 2018 तक आयोजित विद्यालयी शिक्षकों हेतु राष्ट्रीय सूचना व संचार प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2017 के चयन हे
 तु निर्णायक समिति की बैठक में प्रस्तुति देने हेतु देश भर के सभी 29 राज्यों से बेस्ट 112 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। आज कार्यशाला के द्वितीय दिवस 23 अप्रैल मंगलवार को असम, अरूणाचल प्रदेश, तेलांगना, बिहार, आंध्रा प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिभागियों की बारी आयी, छ.ग. राज्य से कुल 5 शिक्षकों को ज्यूरी कमेटी के समक्ष प्रेजेंटेशन के लिए आमंत्रित किया गया था। मेरे द्वारा जिले में प्रथम डिजिटल क्लास रूम की स्थापना से लेकर शिक्षक के रूप में अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में किये गये शैक्षणिक नवाचारी गतिविधियों व उनके व्यापक स्तर पर आये सकारात्मक परिणाम पर मैंने 10 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया। अपने तमाम उपलब्धियों व चुनौतियों के साथ मेरा यह 10 मिनट मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ 10 मिनट साबित होगा। ज्यूरी कमेटी से सलेक्टेड देशभर के बेस्ट आई.सी.टी. टीचर्स आगामी शिक्षक दिवस पर महामहिम राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रपति भवन में होंगे सम्मानित, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मेरा मार्गदर्शन करने के लिए सभी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं,

डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में शिक्षा सत्र के अंतिम दिवस आज 29 अप्रैल शनिवार को प्रगति पत्रक वितरण सह दीक्षांत समार...