The Digital Teacher : August 2021

प्रौढ़ शिक्षा हेतु एस.सी.एफ. व फोकस ग्रुप पेपर निर्माण कार्यशाला में शामिल हुए जांजगीर-चांपा जिले के प्रतिनिधि ...

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुक्रम में संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छ.ग. तथा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तत्वाधान में 18 व 19 अगस्त 2021 तक दो दिवसीय  राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रायपुर में किया गया जिसमें डाइट जांजगीर से व्याख्याता श्री प्रद्युम्न कुमार शर्मा तथा शैक्षणिक जिला सक्ती से नवाचारी शिक्षक श्री पुष्पेंद्र कौशिक प्रतिनिधि के रुप में सम्मिलित हुए। दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक एवं नोडल अधिकारी श्री प्रशांत पाण्डेय, शिक्षा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री आलोक शर्मा, डा. नीलम अरोरा, समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डा.एम सुधीश, प्रीति सिंह व नेहा शुक्ला के द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या, राज्य की पाठ्यचर्या तथा फोकस ग्रुप पेपर पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
कार्यशाला से लौटकर श्री प्रद्युम्न कुमार शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा एनसीएफ (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) विकसित करने हेतु सभी राज्यों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को केन्द्र में रखकर प्रौढ़ शिक्षा हेतु छत्तीसगढ़ राज्य के एस.सी.ई.आर.टी. में एस.सी.एफ. (स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क) एवं फोकस ग्रुप पेपर विकसित करने हेतु दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। श्री शर्मा ने बताया कि संपन्न हुए राज्य स्तरीय कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया गया है कि प्रौढ़ शिक्षा में नवाचारी तरीके अपनाए जाएं जिससे प्रौढ़ लोग आसानी से शिक्षा की मुख्यधारा में वे अपने आप को जोड़ सके। प्रौढ़ शिक्षा के लिए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क कैसे बनाएं पर पहले पांच बिंदुओं बुनियादी साक्षरता तथा संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा तथा सतत शिक्षा पर समझ बनाई गई तत्पश्चात राज्य से आए हुए विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा उपरोक्त बिंदुओं पर चर्चा परिचर्चा के आधार पर प्रस्तुतीकरण किया गया। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत पाण्डेय ने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा के लिए ऐसी कार्य योजना बनाई जाएगी जो व्यावहारिक एवं आकर्षक हो जिससे प्रौढ़ आकर्षित हो सके। एस.सी.ई.आर.टी के अतिरिक्त संचालक डा. योगेश शिवहरे ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने जिन पांच विषयों में अलग-अलग समूहों में चर्चा की है इसे अपने जिलों में जाकर चर्चा करनी है। प्रदेश में शत् प्रतिशत् साक्षरता दर प्राप्त करने के लिए ऐसी पाठ्यचर्या का निर्माण करना होगा जो नवीन और पुरानी चीजों से अलग हटकर पूरी तरह से नवाचारी हो।  
                   


















शिक्षा के चहुंमुखी विकास से होगा देश व समाज का सर्वांगीण विकास- राजेश कुमार सूर्यवंशी...


(स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर विशेष)
आज 15 अगस्त 2021 को हम सब आजादी की 75 वां वर्षगांठ मना रहे है। इस अवसर पर जांजगीर-चांपा जिले के राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने जिले भर के शिक्षकों, विद्यार्थियों, आम नागरिकों व पालकों से बच्चों के शैक्षिक विकास में सहभागी बनने की अपील की है क्योकि शिक्षा के चहुंमुखी विकास से होगा देश व समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है। आजादी के इस उत्सव के अवसर पर शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने कहा है कि 15 अगस्त एक ऐसा अवसर है जब हम सब तिरंगे को लहराते हुए स्वाधीनता दिवस समारोहों में भाग लेकर और देशभक्ति से भरे गीत सुनकर उत्साह से भर जाते हैं। हम सबके लिए यह स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिन है। हमारा भारत देश इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस की 75 वें वर्षगांठ को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है। जिसका श्रेय चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, खुदीराम बोस, अशफाकउल्ला खान, छत्तीसगढ़ के सेनानी वीर नारायण सिंह व वीर गुण्डाधूर सहित उन तमाम देशभक्तों व शहीद जवानों को जाता है जिनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज एक स्वतंत्र देश के निवासी हैं। इस अवसर पर आइए हम सब अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करे क्योंकि उनके बलिदान हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों की नींव पर ही आधुनिक भारत का निर्माण हो रहा है। हमारे दूरदर्शी राष्ट्र-नायकों ने अपने देशभक्ति विचारों को राष्ट्रीयता के एक सूत्र में पिरोकर गुलाम भारत देश को दमनकारी विदेशी शासन से मुक्त कराया और भारत माता की संतानों के भविष्य को सुरक्षित किया हम सब उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते है।
राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी कहते है कि हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल जैसे महापुरूष हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है, वह भारत की मिट्टी में ही संभव था। सामाजिक संघर्ष, आर्थिक समस्याओं और जलवायु परिवर्तन से परेशान आज की दुनिया गांधीजी की शिक्षाओं में समाधान पाती है। समानता और न्याय के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमारे गणतंत्र का मूलमंत्र है। साथियों इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं है, हमारे विद्यार्थी आज हमारे साथ उपस्थित नहीं है, इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया कोविड 19 के घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। इस वैश्विक महामारी के कारण हम सबका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। इस बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए प्रभावी कदम उठाए जिसके चलते घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश ने इस चुनौती का डटकर सामना किया है। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वैश्विक महामारी को समाप्त करने में हम अपना योगदान दे। कोविड टीका अवश्य लगवाये और कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। इस कोरोना काल में जब हम बच्चों से भौतिक रूप से दूर है किंतु वर्चुअल तरीकों से हम उन्हे शिक्षा दे रहे है। हमारा शिक्षा विभाग पढ़ई तुंहर दुआर, अंगना म शिक्षा जैसे अनेकों उपायों से बच्चों को पढ़ाने के लिए योजना चला रही है, आनलाईन तरीकों से आज शिक्षक प्रशिक्षण सुचारू रूप से चल रहा है ऐसे में हम सबका कर्तव्य बनता है कि इसमें अपना बेहतर योगदान दे। 
आज इस पुनीत अवसर पर हम उन सभी डाक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मचारी, डिलीवरी स्टाफ, वाहन चालक, सरकारी कर्मचारी, समाजसेवी संगठन और उदार नागरिकों का हृदय से धन्यवाद करते है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। दुर्भाग्यवश उनमें से अनेक योद्धाओं ने इस महामारी का मुकाबला करते हुए अपने जीवन का भी बलिदान दिया है हम सब उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते है। साथियों भारत देश की यह परंपरा रही है कि हम केवल अपने लिए नहीं जीते हैं बल्कि पूरे विश्व के कल्याण की भावना के साथ कार्य करते हैं। भारत की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है। पूरे विश्व के अनेकों देशों को हमारे देश ने कोविड टीका भेजकर वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात् समस्त विश्व एक ही परिवार है की उस मान्यता को साकार किया है, जिसका उद्घोष हमारी परंपरा में बहुत पहले ही कर दिया गया था। हमारे भारतीय सेना के जवान सूबेदार नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भाला फेक प्रतियोगिता  में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे विश्व के समक्ष भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है यह हम सबके लिए फक्र की बात है हम अपने विद्यार्थियों को खेल के प्रति भी जागरूक करें।
राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि आज अवसर हमारे वीर जवानों की शहादत को याद करने का भी है जिन्होंने सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। आज हमारा पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन कर रहा है। कोविड काल में हम सबने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं। एक अदृश्य वायरस ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि प्रकृति मनुष्य के अधीन है। मेरा मानना है कि अब हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए सादा जीवन-शैली को अपनाने की आवश्यकता है। हमारे विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से केंद्र सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किया है। मुझे विश्वास है कि इस नीति से गुणवत्ता से युक्त एक नई शिक्षा व्यवस्था विकसित होगी जो भविष्य में आने वाली चुनौतियों को अवसर में बदलकर नए भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। हमारे युवाओं को अपनी रूचि और प्रतिभा के अनुसार अपने विषयों को चुनने की आजादी मिली है। इससे उन्हें अपनी क्षमताओं को विकसित करने का अवसर मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी इन योग्यताओं के बल पर न केवल रोजगार पाने में समर्थ होगी बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी। नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में अध्ययन को महत्व दिया गया है जिससे बालमन सहजता से पुष्पित-पल्लवित हो सकेगा। साथ ही इससे भारत की सभी भाषाओं को और भारत की एकता को आवश्यक बल मिलेगा। उन्होंने जिले भर के शिक्षकों से कहा है कि इस वैश्विक महामारी का सामना करने में जिस समझदारी और धैर्य का परिचय हम सब शिक्षक दे रहे हैं उसकी मैं सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि आप सब इसी प्रकार, सतर्कता और जिम्मेदारी बनाए रखेंगे। हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है विशेषकर बौद्धिक, आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में। इसी लोक-मंगल की भावना के साथ मैं प्रार्थना करता हूं कि समस्त विश्व का कल्याण हो। 
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे राजेश कुमार सूर्यवंशी
जांजगीर-चांपा जिले में राजेश कुमार सूर्यवंशी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाते है। राष्ट्रीय, राज्य व जिले स्तर पर अनेक पुरस्कारों से नवाजे जा चुके है।शिक्षक राजेश सूर्यवंशी को जिले में पहला सरकारी डिजिटल स्कूल आरंभ करने का श्रेय जाता है। राजेश कुमार सूर्यवंशी डिजिटल पाठ्यपुस्तकों और आडियों, विडियों, इन्टरैक्टिव छवियों, मानचित्रों, प्रश्न संग्रहों जैसे ई संसाधनों का उपयोग करते हुए जल व पर्यावरण संरक्षण की वास्तविक गतिविधियों से बच्चों को जोड़ते हुए समय-समय पर शैक्षणिक प्रदर्शनियों, राष्ट्रीय व राज्य स्तर के कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं, अनुसंधान गतिविधियों व आनलाईन कोर्सेस में भाग लेकर विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत मानव संसाधन व विकास मंत्रालय भारत सरकार के हाथों पुरस्कृत एक राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक है जो स्वयं के संसाधनों से सरकारी स्कूल को डिजिटल स्कूल में तब्दील करने के बाद अब आई.सी.टी. तकनीकी का उपयोग कर राज्य भर के उत्साही शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ आनलाईन व आफलाईन तरीकों से जुड़कर नित नये नवाचारी गतिविधियों के लिए समर्पित है।





दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में प्रकाशित मेरा लेख दिनांक 15-08-2021



लोकमाया में प्रकाशित मेरा लेख दिनांक 15-08-2021


नवागढ़ ब्लाक स्तरीय अंगना म शिक्षा कार्यशाला का हुआ आयोजन, अब संकुल स्तर पर होगा आयोजन ...


आंगनबाड़ी सहित कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई से जोड़ने अंगना म शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के गांवों तक पहुंचाने आज 3 अगस्त 2021 दिन मंगलवार को विजन कोचिंग जांजगीर के सभागार में ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विकासखण्ड के शैक्षिक समन्वयकों सहित 10 प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षिकाओं को मास्टर ट्रेनर श्रीमती शीला शर्मा व श्रीमती शालिनी शर्मा के द्वारा गतिविधि आधारित गहन प्रशिक्षण दिया गया। आयोजन को संबोधित करते हुए नवागढ़ एबीईओ श्री राजीव नयन शर्मा ने कहा कि अंगना म शिक्षा कार्यक्रम आंगनबाड़ी से कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी तक के बच्चों के लिए है, इससे बच्चे घर पर रहकर ही घर में उपलब्ध सामग्रियों से अपनी माताओं के द्वारा खेल खेल में अंकों एवं अक्षरों का ज्ञान प्राप्त करेंगे। बीआरसीसी नवागढ़ श्रीमती रिषिकांता राठौर ने कार्यशाला को अपने संबोधन में कहा कि माता ही बच्चों की प्रथम गुरु होती है। प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के द्वारा संकुल स्तर पर आयोजन कर अन्य शिक्षिकाओं व माताओं को कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुऐ विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सभी माताओं का उन्मुखीकरण कर बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है।
इस तरह दिया गया अंगना म शिक्षा का प्रशिक्षण...
कार्यशाला में जहां मास्टर ट्रेनर श्रीमती शीला शर्मा (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला कनई)   व श्रीमती शालिनी शर्मा (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला भाठापारा नैला) द्वारा महिला शिक्षिकाओं के साथ जीवंत गतिविधि की गयी तो वही नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने विभिन्न गतिविधियों जैसे चित्र पर बातचीत, कहानी कविता सुनाना, आओ लिखना सीखे, चलो खेले खेल, मेहमान पहचानो, लुका छिपी, आओ शब्द बनाए, आओ नाचे गाए, वर्गीकरण करना, क्रम से सजाना, गिनती सीखना, जोड़ना, घटाना एवं अंक कूद को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाकर उन्हें प्रेरित किया। प्रशिक्षणार्थी शिक्षिकाएं श्रीमती योगेश्वरी तंबोली (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला पुटपुरा), श्रीमती अनामिका सिंह (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला भाठापारा नैला), श्रीमती गायत्री साहू (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला सेवई),  श्रीमती डाली गोपाल (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला भड़ेसर),  श्रीमती रागिनी तिवारी (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला गोड़पारा अमोरा), श्रीमती दुर्गेश नंदिनी सिंह (सहा.शिक्षक, शास.नवीन प्राथ.शाला अवरीद), श्रीमती श्यामकली कश्यप् (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला मौहाडीह),  श्रीमती उमा कश्यप (सहा.शिक्षक, शास.जनपद प्राथ.शाला सिवनी),  श्रीमती अल्का तिवारी (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला अकलतरी) व श्रीमती सजनी रत्नाकर (सहा.शिक्षक, शास.प्राथ.शाला केरा) ने अपने विचार रखते हुए प्रशिक्षण को ज्ञानवर्धक एवं बच्चों के विकास में सहायक बताकर अपने कार्य क्षेत्र में इसे लागू करने के आश्वासन दिए।
डाइट, अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन सहित शैक्षिक समन्वयकों ने की सहभागिता...
कार्यशाला में स्वीकृति मंच नवाचार के जिला समन्वयक श्री यू.के.रस्तोगी सहा.प्राध्यापक डाइट व श्री दीपक कुमार यादव व्याख्याता शा.उ.मा.शाला मड़वा सहित अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के जिला प्रमुख श्री मुनीर जी ने सहभागिता निभाया। डाइट के सहा.प्राध्यापक श्री यू.के.रस्तोगी ने कहा कि स्वीकृति मंच एक एनोवेशन प्रोग्राम है जो ऐसे शिक्षकों को मंच देने का काम कर रही है जो स्वेच्छा से किसी भी कक्षा व विषय को पढ़ाने, कोर्स पूर्ण कराने व स्वयं से प्रेरित होकर बेहतर नवाचार के लिए काम करना चाह रहे है। हम अभी ब्लाक लेवल पर ऐसे शिक्षकों का चिन्हांकन कर रहे है। इसके लिए आनलाईन व आफलाईन बैठके लगातार जारी है जिसके बाद जिले भर में पढ़ई तुंहर दुआर के साथ-साथ स्वीकृति मंच के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां संपन्न होगी। इसी तरह से अपने संबोधन में अन्य अतिथि वक्ताओं ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा तीसरी तक के बच्चों को समझ के साथ पढ़ने, लिखने और उसका अर्थ समझने का लक्ष्य हमें पूरा करना है। निश्चित तौर पर माताओं एवं पालकों का सहयोग हम शिक्षकों को मिलता रहेगा तो निर्धारित लक्ष्य हम प्राप्त कर सकते हैं। कार्यशाला में श्री घुरवा राम कर्ष (शैक्षिक समन्वयक धुरकोट), श्री विनोद कुमार पाण्डेय (शैक्षिक समन्वयक सदर जांजगीर), श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी (शैक्षिक समन्वयक अमोदा), श्री दीपक कुमार थवाईत (शैक्षिक समन्वयक क्रमांक 2 जांजगीर), श्री अनिल कुमार शर्मा (शैक्षिक समन्वयक गौशाला नैला), श्री साहेब लाल दिवाकर (शैक्षिक समन्वयक धाराशिव खोखरा), श्री तेरस राम रात्रे (शैक्षिक समन्वयक बुड़ेना), श्री तुलाराम कश्यप (शैक्षिक समन्वयक सुकली), श्री दिलीप कुमार साहू (शैक्षिक समन्वयक सिवनी), श्री जयप्रकाश नवरत्न (शैक्षिक समन्वयक कटौद), श्री महेश्वरपुरी गोस्वामी (शैक्षिक समन्वयक बनारी), श्री संजय सिंह राठौर (शैक्षिक समन्वयक अवरीद), श्री गुरूबचन सिंह जाटवर (शैक्षिक समन्वयक केरा), श्री रोहित कुमार पटेल (शैक्षिक समन्वयक तुस्मा), श्री रविकांत साव (शैक्षिक समन्वयक उदयभाठा), श्री दिनेश्वर शुक्ला (शैक्षिक समन्वयक महंत), श्री राजराजेश्वर शर्मा (शैक्षिक समन्वयक बोड़सरा), श्री अनिल कुमार पाण्डेय (शैक्षिक समन्वयक गौद) व अभिनव तिवारी (शैक्षिक समन्वयक खोखसा) सहित बीआरसीसी स्टाफ श्री योगेश कुमार चौहान (एम.आर.ए.), श्री रामकृष्ण कटकवार, श्री संतोष कुमार साहू लेखापाल, श्री विनय यादव कम्प्यूटर आपरेट व सौरभ कैवर्त आदि उपस्थित रहे जिनके माध्यम से संकुल स्तर पर आगामी दिनों में यह कार्यशाला आहूत की जायेगी जिसके फलस्वरूप छोटे बच्चों में अंक व अक्षर ज्ञान, संक्रियाए, कौशल व अभिव्यक्ति क्षमता, भावनात्मक और रचनात्मक विकास के साथ साथ बौद्विक क्षमता का विकास होगा। 
                  






















डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में शिक्षा सत्र के अंतिम दिवस आज 29 अप्रैल शनिवार को प्रगति पत्रक वितरण सह दीक्षांत समार...