The Digital Teacher : June 2020

कोरोना संकट के बीच शैक्षणिक गतिविधियों के बेहतर संचालन हेतु अब पी.एल.सी. होगा मुख्य प्लेटफार्म...

  

कोरोना को ध्यान में रखते हए आगे निकट भविष्य में फेस टू फेस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना संभव नहीं होगा संकुल स्तर पर भी मासिक समीक्षा सह प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में शिक्षकों को नहीं बुलाया जा सकेगा। बहुत बड़ी संख्या में शिक्षकों के आनलाइन ग्रुप से भी क्षेत्र में बहुत अधिक सहयोग नहीं मिल सकेगा इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आगे गुणवत्ता संबंधी कार्यों के लिए छोटे छोटे समूहों में शिक्षकों का प्रोफेशनल लर्निग कम्युनिटी का गठन कर उनके माध्यम से कार्य किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इस संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ रायपुर से इस संबंध में आदेश जारी कर कहा गया है कि कोरोना काल में शिक्षा गुणवत्ता में समर्थन देने एवं अपने-अपने छोटे सीमित क्षेत्र में प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन कर शैक्षणिक गतिविधि संचालित की जायेगी। इस हेतु जमीनी स्तर पर गठित प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी की जानकारी संकलित करने आनलाइन फार्म उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखण्ड में 24, बलौदा विकासखण्ड में 33, बम्हनीडीह विकासखण्ड में 31, डभरा विकासखण्ड में 29, जैजैपुर विकासखण्ड में 41, मालखरौदा विकासखण्ड में 31, पामगढ़ विकासखण्ड में 34, सक्ती विकासखण्ड में 34 तथा नवागढ़ विकासखण्ड में सर्वाधिक 42 पी.एल.सी. गठन करने के निर्देश जारी किये गये है। पीएलसी गठन का तरीका क्या होगा? वह किस तरह से काम करेगा? इन सब मुद्दों पर आप सबको विस्तार पूर्वक जानकारी इस ब्लाग में उपलब्ध करायी जा रही है-

राज्य में स्थानीय स्तर पर छोटे सक्रिय प्रोफेशनल लर्निंग (पीएलसी) कम्युनिटी का गठन 
राज्य में संकुल स्तर पर अकादमिक चर्चाओं के लिए मासिक समीक्षा बैठक एवं प्रशिक्षण का विगत पांच वर्षों से निरंतर आयोजन किया जा रहा है और इन चर्चाओं को आगे बढाने एवं गुणवत्ता पर फोकस रखे जाने हेतु राज्य परियोजना कार्यालय से नियमित रूप से चर्चा पत्रों को तैयार कर आपकी ओर भेजा जा रहा है। संकुल स्तर एवं उसके ऊपर शालाओं में गुणवत्ता सुधारने हेतु प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब हम स्थानीय स्तर पर छोटे छोटे प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी बनाकर उनके माध्यम से सभी शिक्षकों को सक्रिय कर काम करेंगे इस प्रकार राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर पढाई की सुविधा देने हेतु प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी (पीएलसी) का सहयोग लिया जायेगा।

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी क्या है? 
प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी शिक्षकों का एक छोटा समूह है जो आपस में मिलकर अपनी अपनी शालाओं में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने हेतु आपस में मिलकर एक दूसरे से सीखते और सिखाते हुए बेहतर परिणाम प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना है। 

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन क्यों? 
राज्य में शिक्षकों की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रत्येक शिक्षक का निरंतर क्षमता विकास शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से संभव नहीं हो पाता। कोरोना की वजह से फेस टू फेस प्रशिक्षण दिया जाना भी अब संभव नहीं हो पा रहा है। आजकल टेक्नोलोजी के इस युग में इंटरनेट एवं सोशियल मीडिया के माध्यम से बहुत सारी चीजें सीखी जा सकती हैं। इसलिए प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी के माध्यम से हम शिक्षकों का एक ऐसा समूह तैयार करना चाहते हैं जिसके माध्यम से वे एक दूसरे से सीखकर अपनें आपको अपडेट रख सकें। प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन कैसे करेंगे ? पहले हम किसी भी कोने से इच्छुक शिक्षकों के साथ मिलकर उन्हें शामिल कर प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी बना लेते थे। अब हम कुछ सीमित स्कूलों को लेकर उनका अपना प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करेंगे। एक प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी में छह से लेकर अधिकतम दस शालाओं के शिक्षक सम्मिलित होंगे इन शालाओं में प्राथमिक से लेकर हायर सेकन्डरी तक की शालाएं शामिल होंगी। वर्तमान में संचालित संकुल इनमें से एक पीएलसी का काम करेगा जो अपने आसपास आसानी से पहुँचने वाली शालाओं को जोड़ सकेगा। नए पीएलसी का गठन अतिरिक्त शालाओं को शामिल करते हुए निर्धारित संख्या में शालाओं को शामिल करके किया जा सकेगा। शालाओं की पहुँच सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक संकुल के बाहर अन्य संकुल की शालाओं को भी नए गठित हो रहे पीएलसी में शामिल किया जा सकेगा।

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का आकार छोटा क्यों ? 
बहुत बड़े आकार के प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी के गठन से उनमे केवल कुछ सदस्य ही सक्रिय रहते हैं और बाकी मूक दर्शक मात्र बनकर रह जाते हैं द्य छोटे पीएलसी होने से और किसी निर्धारित क्षेत्र के लिए जिम्मेदार पीएलसी के होने से उन्हें काम करने में आसानी होगी एवं सभी अपनी सक्रिय सहभागिता दे सकेंगे। कोरोना को ध्यान में रखते हुए हम अधिक संख्या में एकत्रित होकर एक जगह बैठकों का आयोजन नहीं कर सकते और ना ही बहुत अधिक दौरे कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय स्तर पर छोटे छोटे समूहों का गठन करना अत्यंत आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखकर छोटे स्तर पर प्रोफेशनल लानिंग कम्युनिटी का गठन कर सभी शिक्षकों को सक्रिय करते हुए अपने अपने सीमित क्षेत्र में सीमित लोगों के साथ मिलकर कुछ बेहतर करने की दिशा में कार्य किए जाने की आवश्यकता है ताकि कम लोगों और कम स्कूलों के साथ कुछ ठोस कार्य किया जा सके।

 प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी के लीडर का चयन 
इस प्रकार से अब पुराने संकुल स्त्रोत केंद्र में एक या अधिक पीएलसी का गठन हो जाएगा। प्रत्येक पीएलसी में उस पीएलसी के क्षेत्र में आने वाले प्राथमिक से लेकर हायर सेकन्डरी स्तर के सभी शिक्षक शामिल होंगे इन सभी शिक्षकों के बीच आपस में चर्चा कर किसी एक सक्रिय, टेक्नोलोजी में दक्ष, नेतृत्व गुण वाले एवं केवल अकादमिक कार्यों में रूचि लेने के साथ-साथ नवाचार कर अपने पीएलसी को बहुत आगे तक लेकर जाने के इच्छुक योग्य व्यक्ति का चयन अपने अपने पीएलसी में सर्व सम्मति से कर लेवें। कोशिश यह करें कि आपने जिस स्कूल को पीएलसी के लिए चुना है, उसी स्कूल के किसी सक्रिय शिक्षक जो उपरोक्त योग्यता रखते हों, उनका चयन पीएलसी के लीडर के रूप में किया जाए। संकुल समन्वयकों के चयन में चूंकि उन्हें बहुत दूर-दूर तक दौरा करना होता है और बहुत अधिक बैठकों में शामिल होना, प्रशासकीय कार्य आदि की जिम्मेदारी थी इसलिए इस कार्य में महिलाएं शामिल नहीं हो पाई। परन्तु पीएलसी में लीडर के चयन करते समय कोशिश करें कि लगभग पचास प्रतिशत महिलाएं ऐसे पीएलसी का नेतृत्व करें द्य ऐसी महिलाएं जो अपने पीएलसी के सभी स्कूलों में माह में एक बार जा सकें और आने पीएलसी के सभी शिक्षकों को निर्धारित स्कूलों की गुणवत्ता के लिए मिलकर सुधार के लिए सहयोग ले सकें। 

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का नाम 
इस प्रकार से गठित किए जा रहे विभिन्न पीएलसी का नामकरण में एकरूपता होनी चाहिए। गठन के कुछ समय पश्चात हम इन पीएलसी को डाईस कोड की तरह से कुछ नंबर देने के बारे में भी सोच सकते हैं। अभी फिलहाल नाम देते समय आप अंग्रेजी में अपने पीएलसी का नाम इस प्रकार से देंगे-

PLC (School Name-MS NAWAPARA) (Block Name- Nawagarh) (District Name Janjgir-Champa) (Total Schools-7) 
PLC MS NAWAPARA NAWAGARH JANJGIR-CHAMPA 7

सभी पीएलसी इसी प्रकार से अपना नाम का चयन करेंगे। इसी नाम से सभी पीएलसी अपना अपना सोशियल मीडिया ग्रुप बनाएंगे और केवल अपने संकुल के प्राथमिक से लेकर हायर सेकन्डरी के सभी शिक्षकों को शामिल करेंगे द्य चूंकि इस ग्रुप में सदस्यों की संख्या अधिक नहीं होगी, आप चाहें तो इसे व्हात्सेप्प ग्रुप अथवा फिर टेलीग्राम में इस ग्रुप का गठन कर सकते हैं। टेलीग्राम ग्रुप में व्हात्सप्प की तुलना में अधिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी के माध्यम से विभिन्न कार्य 
इस प्रकार से छोटे छोटे पीएलसी वर्तमान में चल रहे संकुल स्त्रोत केन्द्रों के सभी अकादमिक कायों में उनको सहयोग देंगे द्य इनके माध्यम से करवाए जाने वाले प्रमुख कार्य इस प्रकार से होंगे-

* शाला संकुल में शैक्षिक कैलेण्डर का निर्धारण कर समय पर पालन सुनिश्चित करना 

* शिक्षकों के समूह में निरंतर अकादमिक चर्चाओं को साझा कर प्रोफेशनल विकास 

* पीएलसी सदस्यों के साथ समय समय पर अकादमिक चर्चाओं हेतु बैठक 

* अपने पीएलसी के भीतर की शालाओं का माह में एक बार शैक्षिक निरीक्षण 

* बच्चों में लर्निंग आउटकम की नियमित रूप से ट्रेकिंग एवं उपचारात्मक शिक्षण 

* सामुदायिक सहयोग से शालाओं में संसाधन लाने हेतु आवश्यक प्रयास 

* सभी शालाओं में समय पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति के साथ

साथ समय का सीखने-सिखाने हेतु अधिकतम उपयोग 9 शिक्षक प्रशिक्षण की आवश्यकता का अध्ययन कर ऊपर डाईट में भेजना 

* शाला प्रबन्धन समितियों के सदस्यों का समय समय पर क्षमता विकास कर उनके माध्यम से शाला प्रबन्धन में आवश्यक सहयोग लेना

* अप्रवेशी, शाला त्यागी एवं लंबे समय से अनुपस्थित बच्चों की पहचान कर उनके सेतु
पाठ्यक्रम आयोजित कर आयु अनुरूप कक्षाओं में प्रवेश की दिशा में कार्य 

* बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा सुविधा देने आवश्यक संसाधन एवं सुविधा उपलब्ध
कराना 

* शिक्षकों को लर्निंग आउटकम आधारित सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग कर
अध्यापन करने समुचित व्यवस्थाएं 

* दिव्यांग बच्चों को समावेशी अथवा आवश्यकतानुसार अन्य सुविधा देने हेतु पहल 

* बालिकाओं की शिक्षा एवं वंचित वर्गों की शिक्षा हेतु आवश्यक योजनाएं विभिन्न स्तरों पर बच्चों की उपलब्धि में सुधार हेतु समय समय पर फोर्मेटिव. सावधिक एवं समेटिव आकलन को सही तरीके से आयोजन में सहयोग

प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी की जानकारी की आनलाइन प्रविष्टि 
वर्तमान में राज्य में बहुत सारे पीएलसी कार्य कर रहे हैं परन्तु राज्य स्तर पर उनके रिकार्ड उपलब्ध नहीं है अब हम पीएलसी के कार्यों को व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर रहे हैं। इसलिए इस प्रकार से गठित की जा रहे पीएलसी का विवरण राज्य स्तर पर आवश्यक होगा। इस हेतु हम आनलाइन प्रविष्टि के लिए आपको लिंक भेजने जा रहे हैं। इन लिंक में जानकारी सोच समझ कर भरनी होगी। इस हेतु आप अपने संकुल या विकासखंड स्तर पर आधिक से अधिक शिक्षकों एवं संकुल समन्वयकों से गहन सोच विचार कर आवश्यक जानकारी एकत्र कर लेवें। एक बार आनलाइन जानकारी भरे जाने के बाद उसे बदलना मुश्किल होगा। इसलिए विकासखंड स्तर पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करते समय एवं आनलाइन प्रविष्टि के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर विचार विमर्श कर जानकारीको भरें-

1. प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करते समय एक प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी में छह से लेकर अधिकतम दस प्राथमिक से लेकर हायर सेकन्डरी स्तर की शालाएं ही हो।

2. वर्तमान में संचालित संकुल स्त्रोत केंद्र को एक प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का आधिकारिक दर्जा दिया जाए। इस प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी में आसपास एवं बेहतर पहुँच वाले छः से दस शालाओं को शामिल किया जाए। 

3. एक संकुल में अधिक शालाएं होने की स्थिति में एक और उच्च प्राथमिक या हायर सेकन्डरी स्कूल को दूसरा प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी बनाया जाए जिसमें उसके आसपास के छः से दस तक के अन्य शालाओं को सम्मिलित किया जाए। 

4. यदि एक संकुल में वर्तमान में बीस के आसपास शालाएं हैं तो उस संकुल में तीन प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी (पी एल सी) का गठन किया जाए नए पीएलसी का गठन करते समय उसे किसी उच्च प्राथमिक अथवा हायर सेकन्डरी शाला में ही रखा जाए।

5. इस प्रकार गठित किए जा रहे पीएलसी में एक सक्रिय शिक्षक का चयन लीडर के रूप में सर्वसम्मति से किया जाए। पीएलसी के लीडर के कार्यों का अवलोकन कर उसके लिए सबसे योग्य शिक्षक का सर्वसम्मति से चयन कर उनका नाम, मोबाइल नंबर आदि आनलाइन प्रविष्टि के लिए अपने पास रखें। जिस स्कूल का चयन आपने पीएलसी के लिए किया है कोशिश करें कि उसी स्कूल से पीएलसी लीडर का चयन किया जाए। 

6. विकासखंड स्तर से आनलाइन एंट्री के पूर्व उपरोक्तानुसार सभी तथ्यों का क्षेत्र में परीक्षण कर लेवें। कौन से पीएलसी में कौन कौन से स्कूल शामिल होंगे, इसका पूरी तरह से वेरिफिकेशन कर लेवें क्योंकि एक बार प्रविष्टि के बाद आपको इस जानकारी को दुबारा बदलने का अवसर नहीं दिया जाएगा। एक पीएलसी में स्कूलों के चयन में दूरी, पहुँच का रास्ता एवं सभी की सुविधा के साथ-साथ इस चयनित पीएलसी की शाला में मासिक बैठकों के आयोजन के लिए कक्ष की उपलब्धता आदि पर भी ध्यान देवें । क्योंकि कोरोना की वजह से अब मासिक बैठकों में छोटे छोटे समहों को उपस्थित होना होगा और वर्तमान में संचालित संकुलों में स्थान उपलब्धता कम होगी। अतः मासिक बैठकों का आयोजन फिजिकल डिस्टेसिंग को ध्यान में रखते हा नवगठित पीएलसी में किया जाएगा।

एक विकासखंड में कुल प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी 
आप प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करते समय एवं उनकी आनलाइन प्रविष्टि करते समय इस बात की जानकारी ले लेवें कि आपके विकासखंड में कुल कितने प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करना है। नीचे दिए गए टेबल में विकासखंडवार कुल कितने प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन करना हैं, जानकारी दी गयी है। 

संकुलों में से पीएलसी का गठन करते समय संकुल के भीतर की शालाओं के अलावा दूरी, पहुंच और सुविधा का ध्यान रखकर आसपास की संकुल की शालाओं को भी शामिल कर पीएलसी का गठन किया जा सकता है। 

इस बाबत अच्छी तरह से अपने अपने ब्लाक में चर्चा कर लेवें क्योकि एक बार आपके द्वारा आनलाइन प्रविष्टि हो गयी तो हम उसके अनुसार रिकार्ड अपडेट कर राज्य में संचालित पीएलसी का रिकार्ड तैयार कर सकेंगे।

पी एल सी के लिए सोशियल मीडिया का गठन 
एक बार जब आप अपनी जानकारी आनलाइन भर लेवें और यह तय हो जाए कि आपके प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी में कौन कौन से स्कूल शामिल हो रहे हैं तब उस पीएलसी का एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर उसमें अपने पीएलसी के प्राथमिक मे लेकर हायर सेकन्डरी शिक्षकों को अनिवार्यतः शामिल करें ताकि कोरोना काल में आप आपस में सोशियल मीडिया से जुड़कर अपने काम जारी रख सकें। फिलहाल इस सोशियल मीडिया में केवल अपने पीएलसी के सदस्यों को ही जोड़ें बाहर के सदस्यों को अभी बिलकुल भी शामिल नहीं करें। सोशियल मीडिया का नाम रखने हेतु ऊपर समझाए गए उसी फोर्मेट का उपयोग करें-
PLC (School Name------------) (Block Name- Nawagarh) (District Name
Janjgir-Champa) (Total Schools - ---)
PLC -----Nawagarh Janjgir-Champa ---
एक बार उपरोक्तानुसार सभी पीएलसी का गठन होकर उसकी जानकारी हमारे पास आनलाइन आ जाए, तब हम आगे मिलकर कुछ बेहतर कार्य करने की दिशा में कार्य करना प्रारंभ कर सकेंगे।
धन्यवाद ...

आप सभी का दिन मंगलमय हो, जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़ ...


गुरू तुझे सलाम कैम्पेन, नवागढ़ ब्लाक स्तरीय विद्यार्थी उद्बोधन कार्यक्रम संपन्न ...




शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पढ़ई तुहर दुआर योजना अंतर्गत सिस्को वेबएक्स मीटिंग एप से आनलाइन कक्षा में जुड़कर पढ़ाई करने के लिए स्कूल के शिक्षकों, बच्चों व पालकों को जागरूक करने के लिए इन दिनों गुरू तुझे सलाम कैम्पेन का आयोजन किया जा रहा है। इसकी पहली कड़ी में 13 जून को जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के प्रत्येक संकुलों से चयनित एक-एक शिक्षकों का ब्लाक स्तर पर संबोधन कार्यक्रम अहा क्षण का आयोजन किया गया तो वही आज 16 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक ब्लाक स्तरीय विद्यार्थी उद्बोधन का आनलाईन कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें सभी 18 संकुलों से चयनित एक-एक विद्यार्थियों ने सिस्कों वेबएक्स मीटिंग एप्प के जरिये अपने विद्यालय की गतिविधियों, ऐसे शिक्षक जिनसे वे सर्वाधिक प्रभावित होकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे है, के बारे में 2-2 मिनट का संबोधन किये। 
बीईओ नवागढ़ श्री विजय कुमार लहरे, डाईट से प्रतिनिधि श्री यू.के. रस्तोगी सहा. प्राध्यापक, नोडल अधिकारी नवागढ़ श्री राजीव नयन शर्मा, श्री संजय कुमार देवांगन सहित सभी शैक्षिक समन्वयकों ने आनलाईन मीटिंग में जुड़कर कार्यक्रम का अवलोकन किया। कार्यक्रम का होस्ट नोडल अधिकारी श्री राजीव नयन शर्मा व तकनीकी प्रभारी नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने किया। सहयोगी के रूप में सेमरा संकुल से सहा. शिक्षक श्री असीमधर दीवान, खोखरा संकुल प्रभारी श्री दीपक थवाईत विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस आनलाईन मीटिंग में सदर संकुल से कुमारी श्रिया गढ़ेवाल, खोखरा संकुल से श्री नारायण प्रसाद बरेठ, धनेली से युवराज पटेल, सेमरा से गगन बर्मन, अमोदा से राज यादव, नवागढ़ से श्वेता कुमारी, सलखन आकांक्षा सतनामी, किरीत अन्नू कर्ष तथा केरा संकुल से बाबी केंवट सहित विभिन्न संकुलों से चयनित विद्यार्थियों ने अपने विद्यालय की विशेषताओं व शिक्षकों के प्रेरणादायी कामकाज पर बात रखी। पढ़ई तुहर दुआर के नोडल अधिकारी राजीव नयन शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की अगली कड़ी में ब्लाक स्तरीय पालकों का संबोधन कार्यक्रम संपन्न होगा तथा चयनित प्रतिभागियों को जिला स्तरीय संबोधन कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा।

विद्यार्थियों द्वारा उनके प्रेरणास्त्रोत शिक्षक पर दो मिनट की बातचीत ...
इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को अपने पसंदीदा शिक्षकों के बारे में दो मिनट बोलने का अवसर दिया जायेगा। इससे उनके सोचने, बोलने, अभिव्यक्ति की पहचान के साथ-साथ शिक्षकों को भी पता चल सकेगा कि वो कौन कौन से एलीमेंट है जो बच्चों के बीच उनकी साख को बढ़ाते है। उन्हें अपने आपको ग्रूम करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए संकुल स्तर पर 13 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक, विकासखण्ड स्तर पर 16 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक, जिला स्तर पर 18 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक तथा राज्य स्तर पर 20 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक सिस्को वेबेक्स पर आनलाईन मीटिंग की शेड्यूल राज्य स्तर से जारी की गयी है।















पढ़ई तुहर दुआर को सफल बनाने नवाचारी शिक्षक ने गांव पहुंच बच्चों व पालकों को किया जागरूक ...

                       

शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पढ़ई तुहर दुआर योजना अंतर्गत सिस्को वेबएक्स मीटिंग एप से आनलाइन कक्षा में जुड़कर पढ़ाई करने के लिए स्कूल के बच्चों व पालकों को जागरूक करने के उद्देश्य से जांजगीर-चांपा जिले के राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने 14 जून रविवार 2020 का पूरा दिन अपने स्कूल वाले गांव में पालकों व बच्चों के साथ बिताया। इस दौरान उन्होंने बकायदा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने शैक्षिक समन्वयक व प्रधान पाठक का सहयोग लेते हुए ग्राम नवापारा तथा केवा के करीब 26 बच्चों के दरवाजे तक पहुंचकर उनके माता-पिता व घर के बुजुर्गों से सहयोग की अपील करते हुए अपने विद्यार्थियों को मोबाइल के जरिये आन लाईन क्लास से जुड़ने के तरीकों पर अभ्यास कराया।
शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि नवागढ़ ब्लाक शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें इस योजना के तहत सभी शिक्षकों को तकनीकी मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है जिसमें वे विभागीय अधिकारियों के अगुवाई में प्रतिदिन आनलाईन बैठकें लेकर शिक्षकों से जुड़कर कामकाज को आगे बढ़ाने लगे हुए है। प्रत्येक दिवस दर्जनों शिक्षकों से अलग-अलग समय में मिलकर सिस्कों वेबएक्स मीटिंग एप्प के उपयोग की विधि बताकर उन्हें आनलाईन कक्षा लेने के लिए जागरूक कर रहे है। वही आज 14 जून रविवार के अवकाश का दिन उन्होंने अपने स्कूली बच्चों को इस योजना से जोड़ने का अभियान चलाया। इस दौरान स्कूल के विद्यार्थी रूद्रानी, भारती, नंदनी, हेमलता, अंजली, राज यादव, रूपेश, विजय, ऋषि साहू, राकेश, शरद, जय प्रकाश, पूजा कंवर, किरन कंवर, नंदनी कंवर, पूजा यादव, नागेश्वरी, विशेश्वरी सहित 26 विद्यार्थियों को मोबाइल में आनलाईन कक्षा से जुड़ने की प्रक्रिया पर अभ्यास कराया साथ ही विद्यार्थियों के पालकों श्रीमती सावित्री चैहान, श्रीमती लक्ष्मीन चैहान, श्रीमती सुखीन केंवट, श्रीमती सविता केंवट, श्रीमती फगनी केंवट, श्री रामगुलाम केंवट, श्रीमती अमुल कुंवर आदि से बच्चों के पढ़ाई लिखाई पर जागरूक रहते हुए सहयोग करने की अपील की। नवाचारी शिक्षक राजेश सूर्यवंशी के अनुसार विद्यालय का प्रत्येक साल वाट्सअप ग्रुप बनाया जाता है जिसके माध्यम से महत्वूपर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। इस लाकडाउन के दौरान इसी ग्रुप से बच्चों को अभ्यास कार्य भेजकर अध्यापन कराया जाता रहा तो वही अब सिस्कों वेबएक्स एप्प से जुड़कर बच्चे अध्यापन कार्य करेंगे। आज के इस संपर्क कार्यक्रम में अमोदा संकुल के शैक्षिक समन्वयक श्री अनिल कुमार पाण्डेय व प्रधान पाठक पूर्व माध्य. शाला नवापारा अमोदा श्री कन्हैया लाल मरावी का सक्रिया सहयोग प्राप्त हुआ।




पढ़ई तुहर दुआर के तहत अहा क्षण पर नवागढ़ ब्लाक के चयनित शिक्षकों से हुई खास बातचीत ...

                      

त्तीसगढ़ राज्य शासन शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पढ़ई तुहर दुआर अंतर्गत सिस्को वेबएक्स मीटिंग एप से आनलाइन कक्षाएं लेने के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों व पालकों में जागरूकता लाने शिक्षा विभाग द्वारा गुरू तुझे सलाम कैम्पेन चलाया जा रहा है। जिसके पहली कड़ी में सभी संकुलों से वेबएक्स मीटिंग के जरिये ऐसे शिक्षकों का चिन्हांकन किया गया जिनकी शिक्षकीय जीवन प्रेरणादायी रहा है। दूसरे चरण में आज 13 जून को चयनित शिक्षकों को 2-2 मिनट का स्पीच सुना गया। यह सब आनलाईन मीटिंग के जरिये से संपन्न हुआ। इस स्पीच को अहा क्षण का नाम दिया गया जिसमें शिक्षकों ने अपने ऐसे पल का जिक्र किया जिससे वे और बेहतर शैक्षणिक गतिविधि कराने के लिए प्रेरित हुए है। इस दौरान ब्लाक के अनुभवी विद्वान शिक्षकों ने सरकारी विद्यालयों में बच्चों के साथ अपने गतिविधियों का एक से बढ़कर एक बातों का जिक्र किया।
विदित हो कि पढ़ई तुहर दुआर के जिला नोडल अधिकारी श्री एल.के. पाण्डेय डाईट, सहयोगी श्री प्रद्युम्न कुमार शर्मा, डाईट से नवागढ़ के ब्लाक प्रभारी श्री यू.के. रस्तोगी, सहा. प्राध्यापक, ब्लाक नोडल अधिकारी नवागढ़ श्री राजीव नयन शर्मा व टेक्नीकल एक्सपर्ट राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी की उपस्थिति में आनलाईन मीटिंग लेकर नवागढ़ ब्लाक के 18 संकुलों से चयनित एक-एक शिक्षकों का स्पीच सुना गया। जिसमें शिक्षक-शिक्षिकाओं ने एक से बढ़कर एक प्रेरणादयी घटनाओं के बारे में आपबीती सुनाये। इस कार्यक्रम को राज्य शासन के गाईड लाईन पर संपन्न किया गया जिसे अहा क्षण नाम दिया गया। धनेली संकुल से श्री अरविंद कुमार तरूण (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला दर्री), गौशाला नैला संकुल से श्रीमती शालिनी शर्मा (सहा. शिक्षक, शा. कन्या प्रा. शाला नैला) व श्रीमती रश्मि नामदेव (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला भाठापारा नैला), खोखरा संकुल से श्री सुशील कुमार साहू (सहा. शिक्षक, न.प्रा.शाला डीहपारा सेवई), सदर संकुल से श्रीमती जयंती दुबे (उच्च वर्ग शिक्षिका, शा.पूर्व मा.शाला कन्या जांजगीर) व श्री ललित मोहन जायसवाल (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला खोखसा), अवरीद संकुल से श्रीमती नीतू सिंह (सहा. शिक्षक, न.प्रा.शाला बुड़ेना), सलखन संकुल से श्री नरेशचंद्र कंवर (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला बरभाठा), अमोदा संकुल से श्रीमती गीता लहरे (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला पीथमपुर), नवागढ़ संकुल से श्री राजकुमार जलतारे (शिक्षक, शा.कन्या पूर्व मा.शाला नवागढ़), सिवनी संकुल से श्री चंद्रहास राठौर (सहा. शिक्षक, जन. प्रा.शाला बोड़सरा), केरा संकुल से श्री बेदराम रत्नाकर (प्राचार्य, शा.उ.मा.शाला केरा), सेमरा संकुल से श्रीमती प्रतिमा साहू (व्याख्याता, शा.उ.मा.शाला सेमरा), किरीत संकुल से श्री महेन्द कुमार कुर्रे (शिक्षक, शा.पूर्व मा.शाला खैरताल), कटौद संकुल से श्री राजीव सोनी (सहा. शिक्षक, शा.प्रा.शाला तुस्मा),  धुरकोट संकुल से श्री रामबिलास डाहिरे (सहा. शिक्षक, शा.प्रा.शाला नवापारा सुकली), सिऊड़ संकुल से श्री लक्ष्मी प्रसाद मरकाम (सहा. शिक्षक, शा.प्रा.शाला कर्रा), मिसदा संकुल से श्री जनक दुलार कश्यप (व्याख्याता, शा. हाई स्कूल तुलसी) ने अपने शिक्षकीय जीवन से जुड़े ऐसे पल का जिक्र किया जो शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी है तथा उन्हे और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करता है। इस कार्यक्रम का संचालन एबीईओ व नोडल अधिकारी श्री राजीव नयन शर्मा व तकनीकी विशेषज्ञ शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने किया। आनलाईन मीटिंग का अवलोकन बीईओ श्री विजय कुमार लहरे, एबीईओ श्री संजय कुमार देवांगन, पीएलसी मेंबर कुमारी रेशमा उरांव, सभी संकुलों के शैक्षिक समन्वयकगण सहित कोर कमेटी के सदस्यों ने किया। नोडल अधिकारी श्री राजीव नयन शर्मा ने बताया कि आज संपन्न हुए अहा क्षण स्पीच कार्यक्रम से बेस्ट स्पीच के आधार पर एक शिक्षक का चयन जिला स्तरीय अहा क्षण कार्यक्रम के लिए किया जायेगा। पूरे कार्यक्रम का केवल एक ही उद्देश्य है सभी शिक्षकों को आनलाईन पढ़ाई के लिए तैयार करना है जिसमें शिक्षकों को वेबएक्स एप्प के उपयोग के लिए तैयार करने में ब्लाक के टेक्नीकल एक्सपर्ट शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी सतत रूप से योगदान दे रहे है। आने वाले दिनों में प्रत्येक शिक्षक आनलाईन कक्षाओं से जुड़कर बच्चों को शिक्षा प्रदान करेंगे।


क्या है शिक्षकों का अहा क्षण ....
सभी शिक्षकों को अपने शिक्षकीय जीवन में कोई न कोई ऐसा क्षण आता है जिसे वे अपना अहा मोमेन्ट मान सकते है। अहा क्षण वो क्षण होता है जिसमें अचानक कोई नया आइडिया, किसी नये खोज, किसी ऐसी चीज की जानकारी जो पहले से आपके भीतर है पर आपने अचानक पहचानना, सही समय में सही आइडिया का सामने आना, कक्षा अध्यापन के दौरान कुछ नयी चीजे, शिक्षा से जुड़ा कोई यादगार पल, आइिडियाज का सामने आना। ऐसे कुछ न कुछ बातें हमारे आपके जीवन में सभी ने महसूस की होगी। अपने ऐसे आहा क्षण को सभी शिक्षकों को पहचानने का एक अवसर इस कार्यक्रम के माध्यम से मिल सकेगा और ऐसे आइडियाज का संकलन हम कर सकेंगे। इस लाक डाउन अवधि में हम शिक्षकों को कुछ सोचने का अवसर दे सकेंगे। अहा क्षण के बारे में ग्रुप्स में और विस्तार से बताया जा सकेगा और इसका अभ्यास शुरू में परिषद के अकादमिक सदस्यों के साथ किया जाना प्रस्तावित है ताकि वे अपने संकुल, ब्लाक व जिले को तैयार कर सके। इसके लिए संकुल स्तर पर 11 जून को सुबह 11 से 12 बजे, विकासखण्ड स्तर पर 13 जून को सुबह 11 से 12 बजे तक, जिला स्तर पर 16 जून को सुबह 11 से 12 बजे तक तथा राज्य स्तर पर 18 जून को सुबह 11 से 12 बजे तक सिस्को वेबेक्स पर आनलाईन मीटिंग की शेड्यूल राज्य स्तर से जारी की गयी है।

















प्रतिवेदन द्वारा - श्री बेदराम रत्नाकर, प्राचार्य शा.उ.मा.शाला केरा


प्रतिवेदन द्वारा - श्रीमती प्रतिमा साहू, व्याख्याता शा.उ.मा.शाला सेमरा


प्रतिवेदन द्वारा - श्रीमती नीतू सिंह, सहा. शिक्षक न.प्रा.शाला बुड़ेना

 प्रतिवेदन द्वारा - श्रीमती गीता लहरे, शिक्षक शा.पूर्व माध्य. शाला पीथमपुर



 प्रतिवेदन द्वारा - श्रीमती जयंती दुबे, उच्च वर्ग शिक्षक शा.कन्या पूर्व माध्य. शाला जांजगीर




 प्रतिवेदन द्वारा - श्री ललित मोहन जायसवाल, शिक्षक शा. पूर्व माध्य शाला जांजगीर


 प्रतिवेदन द्वारा - श्री राजीव सोनी, सहा. शिक्षक जन.प्राथमिक शाला तुस्मा


 प्रतिवेदन द्वारा - श्री नरेशचंद्र कंवर, शिक्षक शा. पूर्व माध्य शाला बरभाठा



 प्रतिवेदन द्वारा - श्री चंद्रहास राठौर, सहा. शिक्षक जन.प्राथमिक शाला बोड़सरा



 प्रतिवेदन द्वारा - श्री सुशील कुमार साहू, सहा. शिक्षक शास. प्राथमिक शाला सेवई



 प्रतिवेदन द्वारा - श्री राजकुमार जलतारे, शिक्षक शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला नवागढ़ 
वर्तमान लॉकडाउन की स्थिति में जहां बच्चों को ऑनलाइन  पढ़ाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बहुत लोगों पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है वैसे इस विषम परिस्थिति  में अपने विद्यालय के 80ः बच्चे लक्ष्यवेध अंतरराष्ट्रीय शिक्षा पद्धति से अपने हिंदी एवं अन्य विषय सिलेबस बहुत सारे विद्यार्थी तीन से चार विषय तक को  स्वयं से  पूर्ण करते हुए ,चुनौती स्वीकार करते हुए तथा विषय मित्र एवं टेक्नोलॉजी का सहयोग लेकर सितंबर माह तक सभी कोर्स पूर्ण करने की प्लानिंग के साथ चल रहे हैं। वर्तमान लक्ष्य वेध ऑनलाइन प्रशिक्षण में सरगुजा क्षेत्र से प्रशिक्षण जोन प्रभारी के रूप में  सूरजपुर जिले में लक्ष्य वेध प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के रूप में  दायित्व का निर्वहन कर रहा हूं तथा यह प्रशिक्षण वर्तमान में लगभग सभी 28 जिलों में चल रहा है जिसमें हमारे कन्या शाला नवागढ़ के बच्चे जब अपने इस उपलब्धि एवं अनुभव को छत्तीसगढ़ के लगभग 10 जिलों में ऑनलाइन उपस्थित होकर विद्यालय के 5 बच्चे अनुभव शेयर किए और सभी शिक्षकों के प्रश्नों का  पूरे कॉन्फिडेंस के साथ उत्तर दिया और शिक्षकों को संतुष्ट किया वह पल मेरे लिए बहुत ही अद्भुत और खुशी देने वाला क्षण था यह मेरे जीवन का निश्चित रूप से आहा मोमेंट का क्षण रहा जो की बहुत ही गर्व की बात है कि नवागढ़ विकासखंड का कोई स्कूल पूरे राज्य में अपने अनुभव बांट रहा है जिससे बाकी जिले सीख रहे हैं।


प्रतिवेदन द्वारा - श्री महेन्द्र कुमार कुर्रे, शिक्षक शास. नवीन पूर्व मा.शाला खैरताल


प्रतिवेदन द्वारा - श्री रामबिलास डाहरे, सहा. शिक्षक शास. प्राथमिक शाला नवापारा सुकली
गुरु तुझे सलाम कार्यक्रम के अंतर्गत पालक बच्चे एवं शिक्षक सभी का विचार पूछा गया जिसमें शिक्षक पालक एवं बच्चे सभी का विचार सराहनीय एवं उचित रहा साथ में माताओं का भी विचार पूछा गया जिसमें माताएं और विशेष रूप से रुचि के साथ ऑनलाइन पढ़ाने में सहयोग प्रदान किया साथ में यह ऑनलाइन पढ़ाई को पालक एवं बच्चे और माताएं सभी ने विशेष रूप से सराहा गया एवं ऑनलाइन पढ़ाई करने की अनुमति पालक एवं माताएं द्वारा हम लोगों को स्वतंत्र रूप से मिला है।











डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

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