The Digital Teacher : June 2018

अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन की बेहतर पहल, पी.एल.सी. के साथ सीखने सिखाने की पहल की अब होगी शुरूआत ...

















19 से 22 जून 2018 तक जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ और नवागढ़ ब्लाक के सभी संकुल केन्द्रों से मिडिल के पांचों विषयों व प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण विषय के साथ उन्मुखीकरण कार्यशाला संपन्न हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य सभी संकुलों से विषयवार एक-एक ऐसे शिक्षक तैयार करना जो संबंधित विषय पर अपनी बेहतर समझ के साथ अपने संकुल के विषयवार शिक्षकों के साथ बेहतर ढंग से तालमेल बनाते हुए सीखने सिखाने की परंपरा को नयी उर्जा दे सके। इसी उद्देश्य को लेकर अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के जांजगीर व शिवरीनारायण इकाई ने उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। नवागढ़ के शासकीय महाविद्यालय के छह कक्षों में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, गणित व प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण विषय को लेकर नवागढ़ विकासखण्ड के 18 संकुल केन्द्रों अमोदा, अवरीद, धनेली, धुरकोट, गौशाला नैला, गोधना, कटौद, किरीत, केरा, खोखरा, मिसदा, नवागढ़, सदर जांजगीर, सलखन, सेमरा, शिवरीनारायण, सिउड़ व सिवनी तथा पामगढ़ ब्लाक के सभी 14 संकुल केन्द्रों तनौद, खपरी, भदरा, भैसों, भिलौनी, कोसा, खरौद, मुलमुला, कोसला, लोहर्सी, पामगढ़, राहौद, रसौटा व ससहा से शिक्षकों ने हिस्सा लिया। विज्ञान कार्यशाला में हमने प्रथम दिवस 19 जून को कोशिका को लेकर लर्निंग आउटकम तैयार किये और सूक्ष्मदर्शी से कोशिका का अवलोकन से लेकर उसके महत्व पर बातचीत की, द्वितीय दिवस पदार्थों के वर्गीकरण व पृथ्थककरण पर गतिविधि के साथ काम किये तो वही तीसरे दिवस व चतुर्थ दिवस के मध्यान्ह तक को प्रकाश की अवधारणा पर काम किये, इस दौरान पिन होल कैमरा का निर्माण कर उसका अवलोकन किया गया। उन्मुखीकरण कार्यशाला के अंतिम दिवस आज 22 जून को जिला परियोजना अधिकारी श्री संतोष कश्यप, सहायक श्री जायसवाल जी सहित डाइट के वरिष्ठ व्याख्याता श्री प्रद्युम्न शर्मा व श्री गोपेश कुमार साहू ने पहुंचकर सभी का न केवल उत्साहवर्धन किया बल्कि अपने विचारों से भी हम सबको अवगत कराया। कक्षा में परंपरागत अध्ययन अध्यापन के साथ-साथ अब हमें, ऐसा कुछ करने की जरूरत है जिससे कि हमें एक बड़ा मंच मिले और हम विषयवार शिक्षक साथी आपस में अपने अनुभवों को साझा कर सकें और एक-दूसरे से सीख सकें। ताकि एक सीखने वाले समुदाय के रूप में हम शिक्षकों’ की पहचान बने और हमारी शिक्षा संस्कृति का विकास हो सके। इसी क्रम में शिक्षा के प्राथमिक व माध्यमिक दोनों स्तरों पर शिक्षक और शिक्षकों की क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन द्वारा गंभीरतापूर्वक विचार किया गया है अब इस गंभीरता को बनाये रखना हम सबकी बड़ी जिम्मेदारी है यदि हम इस पर कामयाब होते है तो जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में हम सभी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बहरहाल इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए हम सभी शिक्षकों के बीच आपसी संवाद को रचनात्मक दिशा देने और मिलकर अकादमिक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रयासरत रहना होगा और इसके लिए टीएलसी की साप्ताहिक बैठकों में हमें अपनी बेहतर उपस्थिति दर्ज करानी होगी। पामगढ़ व नवागढ़ विकासखण्ड के संदर्भ में प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी’ का आइडिया कितना प्रभावशाली होता है यह भविष्य के गर्भ में है किंतु इतना तो तय है कि इससे हम अपनी खुद की दक्षता को इतना बढ़ा सकते है कि हजारों की भीड़ में अपनी अकादमिक क्षमता का प्रदर्शन कर अपनी खुद की पहचान को संकुल, ब्लाक, जिला और राज्य से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर सकते है, फिलहाल मैं यही कर रहा हूं, एक शिक्षक के रूप में कुछ बेहतर करने की मेरी जिद ने मुझे सदैव ही सीखते रहने के लिए प्रेरित किया है। अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन से मुझे लगातार अकादमिक समर्थन मिल रहा है जिसके लिए मैं सदैव इनके प्रति नतमस्तक रहूंगा। विज्ञान विषय पर मुझे बतौर मास्टर टेªनर्स सहभागिता करने का अवसर मिला मैंने अपने साथी मास्टर टेªनर्स श्री पीतांबर लहरे जी के साथ अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन जांजगीर इकाई के मुखिया श्री सुभाष जी के मार्गदर्शन में पूरे चार दिनों तक जीव विज्ञान के शरीर की रचनात्मक व कार्यात्मक इकाई कोशिका, रसायन विज्ञान के पदार्थों का वर्गीकरण व पृथ्थककरण तथा भौतिक विज्ञान के प्रकाश पर खूब सारी गतिविधियों, चर्चाओं के माध्यम से सीखने सिखाने की प्रक्रिया को गति प्रदान किये। पूरे कार्यशाला में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के कुमारी अर्चना, कुमारी मारिया, श्री नवनीत वर्मा जी, श्री विवेक जी, श्री नीरज राणा जी, श्री मनोज जी, श्री अरिजीत जी सहित शिक्षक साथियों श्री संतोष सर्वे पूर्व मा.शाला कामता सलखन, श्री महेश्वर पुरी गोस्वामी पूर्व मा.शाला बनारी गौशाला नैला, श्री सुरित महर्षि पूर्व मा.शाला बोरदा गोधना, श्रीमती अनिता धु्रर्वे पूर्व मा.शाला धाराशिव खोखरा, अराधना लकड़ा पूर्व मा.शाला पामगढ़, श्री रामनाथ कैवर्त पूर्व मा.शाला सेमरिया कोसा, श्री सोमक्ष टण्डन पूर्व मा.शाला लोहर्सी, श्री रूपलाल खूंटे पूर्व मा.शाला खपरी, श्री डार्विन जोगी पूर्व मा.शाला भैसों, श्री अशोक यादव पूर्व मा.शाला रसौटा, श्री देवेन्द्र साहू पूर्व मा.शाला कुटरा धनेली, श्री दलेश्वर प्रसाद मांझी पूर्व मा.शाला सिंघुल शि.ना., श्रीमती मनीषा साहू पूर्व मा.शाला नगारीडीह केरा, श्रीमती ज्योति शुक्ला पूर्व मा.शाला तुलसी मिसदा, श्री सरकार सिंह लहरे पूर्व मा.शाला हीरागढ़ सिउड़, श्री महेन्द्र कुमार साहू पूर्व मा.शाला ढाबाडीह भिलौनी, श्रीमती सुनीता यादव पूर्व मा.शाला खरौद, श्री गनेश्वर लाल साहू पूर्व मा.शाला धरदेई, श्री उमाशंकर सूर्यवंशी पूर्व मा.शाला अमोदा, श्री राजू पालिया पूर्व मा.शाला शुक्लाभाठा, श्रीमती धरमिन गढ़वाल पूर्व मा.शाला सुकली धुरकोट, श्री पवन कुमार साहू पूर्व मा.शाला तुस्मा कटौद व श्री सतीश कुमार पटेल पूर्व मा.शाला चैराभाठा अवरीद से इस चार दिवसीय कार्यशाला में मुझे जुड़ने और सीखने का जो सौभाग्य वह मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगा, आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए अपनी बात समाप्त कर रहा हूं...
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