The Digital Teacher : विश्व ओजोन दिवस पर डिजिटल स्कूल के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण की ली शपथ...

विश्व ओजोन दिवस पर डिजिटल स्कूल के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण की ली शपथ...


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) नवागढ़ में आज 16 सितंबर 2022 शुक्रवार को विश्व ओजोन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने डिजिटल कक्ष में ओजोन दिवस से जुड़े विडियों का अवलोकन किया साथ ही मैदान में पौधारोपण कर पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से ओजोन परत सुरक्षा की शपथ ली। शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री चंदराम साहू व प्रधान पाठक श्री भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने विद्यार्थियों को ओजोन परत का महत्व समझाते हुए कहा कि पृथ्वी के समताप मंडल में उपस्थित ओजोन परत यदि हटा दी जाए तो सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैगनी विकिरणें सीधे पृथ्वी तक पहुंच जाएंगी। इनसे कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होंगी। जिसमें मुख्य रूप से त्वचा का कैंसर व अन्य बीमारियां शामिल है। शिक्षक ने बच्चों को बताया कि ओज़ोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जिसमें ओजोन गैस की सघनता अपेक्षाकृत अधिक होती है। ओज़ोन परत के कारण ही धरती पर जीवन संभव है। यह परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के पराबैंगनी प्रकाश की 90-99 प्रतिशत मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। पृथ्वी के वायुमंडल का 91 प्रतिशत से अधिक ओज़ोन यहां मौजूद है। नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022 में ओजोन दिवस का थीम है- पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग। ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाला मुख्य रसायन क्लोरो फ्लोरो कार्बन है। जिसका वृहद स्तर पर उपयोग एयर कंडीशनर, फ्रिज, परफ्यूम व कम्प्यूटर उपकरणों को साफ करने में किया जाता है। शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने कहा कि अमेरिका विश्व का सबसे अधिक सीएफसी उपयोग करने वाला देश है। ओजोन परत को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा। इसके साथ ही एयर कंडीशनर, फ्रिज व परफ्यूम का उपयोग बहुत ही संतुलित रूप में करना होगा। जिससे महत्वपूर्ण ओजोन परत का संरक्षण किया जा सके। 







ओजोन परत किस तरह हमें घातक किरणों से बचाती है?
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, वातावरण में ओजोन बहुत कम मात्रा में ही मौजूद है। फिर भी, यह मानव कल्याण के साथ-साथ कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। पृथ्वी का अधिकांश ओजोन समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में रहती है, यह वायुमंडल की वह परत है जो सतह से 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है। वायुमंडलीय ओजोन का लगभग 90 फीसदी समतापमंडलीय ओजोन परत में है, जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी की सतह को बचाता है।  



ओजोन कैसे बनती है और यह वायुमंडल में कहां है?
ओजोन एक गैस है जो हमारे वातावरण में स्वाभाविक रूप से मौजूद है। ओजोन का रासायनिक सूत्र व्3 है क्योंकि एक ओजोन अणु में तीन ऑक्सीजन परमाणु होते हैं। ओजोन की खोज 1800 के मध्य में प्रयोगशाला प्रयोगों में की गई थी। वातावरण में ओजोन की उपस्थिति को बाद में रासायनिक और आप्टिकल माप विधियों का उपयोग करके खोजा गया, ओजोन कई रासायनिक यौगिकों के साथ तेजी से प्रतिक्रिया करती है और जिससे केंद्रित मात्रा में विस्फोटक होता है। विद्युत डिस्चार्ज का उपयोग आमतौर पर औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे वायु और जल शोधन और कपड़ा और खाद्य उत्पादों की रंगाई (विरंजन) के लिए ओजोन का उत्पादन किया जाता है।



हम वायुमंडलीय ओजोन की सुरक्षा क्यों करें?
अच्छी ओजोन, जिसे स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन भी कहते हैं जो मनुष्यों और अन्य जीवों के लिए अच्छी मानी जाती है। यह सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करती है। यदि इसे अवशोषित नहीं किया जाता है, तो तेज ऊर्जा यूवी विकिरण पृथ्वी की सतह तक पहुंच जाएगी जो मनुष्यों सहित विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए हानिकारक है।


वायुमंडल में ओजोन को कैसे मापा जाता है?

वायुमंडल में ओजोन की प्रचुरता को विभिन्न प्रकार की तकनीकों द्वारा मापा जाता है। तकनीकें ओजोन के अनूठे आप्टिकल और रासायनिक गुणों का उपयोग करती हैं। माप तकनीकों की दो प्रमुख श्रेणियां हैं- स्थानीय और दूरस्थ।



क्या मानव गतिविधियों से उत्पन्न उत्सर्जन ओजोन घटने के लिए जिम्मेदार है?
कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं और उपभोक्ता उत्पादों के परिणामस्वरूप वातावरण में ओजोन-घटने वाले पदार्थों (ओडीएस) का उत्सर्जन होता है। ओडीएस हैलोजन गैसों से निर्मित हैं जो मान्ट्रियल प्रोटोकाल द्वारा दुनिया भर में नियंत्रित की जाती हैं। ये गैसें क्लोरीन और ब्रोमीन परमाणुओं को समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में लाती हैं, जहां वे रासायनिक प्रतिक्रियाएं कर ओजोन को नष्ट करते हैं। महत्वपूर्ण उदाहरण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) हैं, एक बार लगभग सभी ठंड़ी करने वाली और एयर कंडीशनिंग सिस्टम में उपयोग की जाती है और हॉलोन, जो आग बुझाने वाले एजेंटों के रूप में उपयोग की जाती थी।



                                                 ओजोन दिवस कार्यक्रम में सहभागिता
आज के कार्यक्रम में श्रीमती सावित्री बाई चौहान, श्रीमती दीपक बाई, श्रीमती जानकी बाई, श्री सनत साहू कर्मचारी हेमंत कुमार यादव सहित कक्षा सातवीं से पूजा कंवर, कविता कंवर, साहिल कंवर, शिवा केंवट, लव कुमार यादव, कुश कुमार यादव, शंकर लाल साहू, हिमांशु साहू, सागर साहू, शिवा साहू, सोनिया यादव, रीना साहू, श्रुति चौहान, रूचि चौहान, प्रतिज्ञा केंवट, सानिया साहू, प्रीति केंवट, काजल यादव, सानिया यादव, छाया यादव, संजना यादव, दामिनी गाड़ा, पायल यादव, खुश्बू बरेठ, निशा यादव, कान्हा यादव, हिमेश यादव, गौरव यादव, शीतल केंवट, अंजली साहू, काजल कंवर, देवलाल कुर्मी, अजेन केंवट, गांधीलाल केंवट, आरती यादव व हिमेश देवांगन। कक्षा छठवीं से गजानंद केंवट, रोहन साहू, तिलेश्वर केंवट, आशा साहू, आरती साहू, उमा केंवट, पंकज यादव, हिमांशु यादव, अरविंद यादव, देवराज यादव, रोशन केंवट, हिमांशी साहू, सिम्मी कंवर, दुर्गा कंवर, रिया साहू, कन्या कुमारी, युवराज साहू, यंकिता यादव, सिमरन यादव, चांदनी साहू, निधि यादव, दीपेश साहू, धनराज यादव। कक्षा आठवीं से अभय केंवट, सूरज कंवर, दीपक केंवट, संजय केंवट, मंदीप केंवट, सुमित साहू, गोमती केंवट, मनीषा केंवट, प्रभा साहू, संध्या चौहान, दिव्या केंवट, मंजू साहू, गीतांजली यादव, संजना यादव, अनिल यादव, भीमा यादव, रजनी यादव, मनीष यादव, निशी यादव, महारथी साहू, खितराज साहू, आर्यन यादव, प्रशांत कश्यप, दीपक कश्यप, दीप्ति साहू, भाग्यश्री साहू व रूपा साहू का सराहनीय योगदान रहा।





दैनिक समाचार पत्रों में गतिविधियों का प्रकाशन














No comments:

Post a Comment

डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में शिक्षा सत्र के अंतिम दिवस आज 29 अप्रैल शनिवार को प्रगति पत्रक वितरण सह दीक्षांत समार...