The Digital Teacher : शाला सुरक्षा कार्यक्रम - पाक्सो एक्ट व बाल सुरक्षा के उपायों पर हुई चर्चा ...

शाला सुरक्षा कार्यक्रम - पाक्सो एक्ट व बाल सुरक्षा के उपायों पर हुई चर्चा ...


जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में सुरक्षित शाला-सुरक्षित बच्चे की थीम पर मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत आज 24 सितंबर शनिवार (बैगलेस डे) पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) में बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा के उपायों को बताते हुए उसे अपने जीवन में लागू करने की बात कही गयी। शाला आपदा प्रबंधन समिति व प्रधान पाठक भानू प्रताप महाराणा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में शाला सुरक्षा कार्यक्रम के ब्लाक मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार सूर्यवंशी ने पाक्सो एक्ट, बच्चों की सुरक्षा, साइबर क्राइम, 112 की सुविधा के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसके अलावा वर्तमान में बारिश के हालात को देखते हुए जल जनित बीमारियों से बचाव व पानी मे डूबने के संभावित खतरों से बचने के प्राथमिक चिकित्सा के उपायों के बारे में भी जानकारी दी गयी। वही आगामी 26 सितंबर से आरंभ हो रहे त्रैमासिक परीक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति व सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा में शामिल होने समझाईश दी गयी। इस अवसर पर शिक्षक कन्हैया लाल मरावी, हेमंत यादव सहित छठवीं से गजानंद केंवट, रोहन साहू, तिलेश्वर केंवट, आशा साहू, आरती साहू, उमा केंवट, पंकज यादव, हिमांशु यादव, अरविंद यादव, देवराज यादव, रोशन केंवट, हिमांशी साहू, सिम्मी कंवर, दुर्गा कंवर, रिया साहू, कन्या कुमारी, युवराज साहू, यंकिता यादव, सिमरन यादव, चांदनी साहू, निधि यादव, दीपेश साहू, धनराज यादव। कक्षा सातवीं से पूजा कंवर, कविता कंवर, साहिल कंवर, शिवा केंवट, लव कुमार यादव, कुश कुमार यादव, शंकर लाल साहू, हिमांशु साहू, सागर साहू, शिवा साहू, सोनिया यादव, रीना साहू, श्रुति चौहान, रूचि चौहान, प्रतिज्ञा केंवट, सानिया साहू, प्रीति केंवट, काजल यादव, सानिया यादव, छाया यादव, संजना यादव, दामिनी गाड़ा, पायल यादव, खुश्बू बरेठ, निशा यादव, कान्हा यादव, हिमेश यादव, गौरव यादव, शीतल केंवट, अंजली साहू, काजल कंवर, देवलाल कुर्मी, अजेन केंवट, गांधीलाल केंवट, आरती यादव व हिमेश देवांगन। कक्षा आठवीं से अभय केंवट, सूरज कंवर, दीपक केंवट, संजय केंवट, मंदीप केंवट, सुमित साहू, गोमती केंवट, मनीषा केंवट, प्रभा साहू, संध्या चौहान, दिव्या केंवट, मंजू साहू, गीतांजली यादव, संजना यादव, अनिल यादव, भीमा यादव, रजनी यादव, मनीष यादव, निशी यादव, महारथी साहू, खितराज साहू, आर्यन यादव, प्रशांत कश्यप, दीपक कश्यप, दीप्ति साहू, भाग्यश्री साहू व रूपा साहू  उपस्थित रहे।  

बाल सुरक्षा क्या है?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि हिंसा कहीं भी हो सकती है घर, स्कूल, बाल देखभाल केंद्र, कार्यस्थल और समुदाय में अक्सर बच्चे को जानने वाले के द्वारा ही हिंसा की जाती है भारत में लड़कियों और लड़कों, दोनों को जल्द शादी, घरेलू शोषण, यौन हिंसा, घर और स्कूल में हिंसा, तस्करी, आनलाइन हिंसा, बाल मजदूरी और डराने-धमकाने का सामना करना पड़ता है। हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण के सभी प्रकारों का बच्चों के जीवन पर दीर्घावधिक प्रभाव पड़ता है। भारत में बच्चों की सुरक्षा के लिए अनेक कानून हैं और बाल सुरक्षा को सामाजिक विकास के मुख्य घटक के रूप में तेजी से स्वीकार किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर मानव संसाधन क्षमता की कमी और गुणवत्ता निवारण और पुनर्वास सेवाओं की कमी इन कानूनों को लागू करने में चुनौती है। परिणामस्वरूप लाखों बच्चे हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण का शिकार होते हैं। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हर विद्यार्थी के लिए हिंसा, प्रताड़ना और शोषण से मुक्त एक स्वस्थ्य पारिवारिक माहौल सुनिश्चित करने में मदद करें। 

क्या है साइबर अपराध?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को आनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक्त नजर रखना आदि।

क्या है पाक्सो एक्ट (POCSO Act) ?
नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने पाक्सो एक्ट के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पाक्सो (POCSO) जिसका पूरा नाम The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नाेग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।









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