The Digital Teacher : बच्चों में सौरमण्डल की समझ बनाने नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने किया क्रियात्मक अनुसंधान...

बच्चों में सौरमण्डल की समझ बनाने नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने किया क्रियात्मक अनुसंधान...




जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट जांजगीर द्वारा केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत क्रियात्मक अनुसंधान कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया गया है। इसी कड़ी में नवाचारी शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) ने विज्ञान विषय में सौरमण्डल की उचित समझ विकसित करने हेतु क्रियात्मक अनुसंधान किया है। जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर के प्रभारी प्राचार्य श्री बी.पी. साहू, व्याख्याता श्री के.एम. जायसवाल, श्री एस.के.राठौर, श्री एस.के. साहू, श्रीमती कल्याणी बोस, श्रीमती रमा गोस्वामी के मार्गदर्शन में इस क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने कक्षा आठवीं के 27 बच्चों का प्री टेस्ट लिया गया जिसमें 19 बच्चों को न्यादर्श के रूप में चयनित कर 45 दिवस की कार्ययोजना तैयार कर क्रियात्मक अनुसंधान कार्य किया गया। इस लघु शोध के उद्देश्य पूर्ति के लिए चलित टीएलएम, सौरमण्डल का कटआउट चित्र, प्री व पोस्ट के लिए प्रश्नावली शिक्षक द्वारा तैयार किया गया। जिसके बाद शाला प्रबंधन समिति, प्रधान पाठक श्री भानूप्रताप महाराणा, शिक्षक श्री कन्हैया लाल मरावी व बच्चों के सहयोग से गतिविधि को मनोरंजन एवं रुचिकर तरीके से करते हुए अंत में पोस्ट टेस्ट लिया गया जिसमें बच्चों में सौरमण्डल को समझने उचित दक्षता का विकास हुआ। जिसके बाद शिक्षक द्वारा संपूर्ण लघु शोध का दस्तावेजीकरण कर फाईल तैयार किया गया है। नवाचारी शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने कहा है कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए श्री व्ही.के.लहरे विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नवागढ़, श्रीमती रिषीकांता राठौर, बीआरसी समग्र शिक्षा नवागढ़, श्री जोगेश चैहान सरपंच ग्राम पंचायत नवापारा (अमोदा), श्री चंदराम साहू, अध्यक्ष शाला प्रबंधन व विकास समिति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। मैं विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को मेरा स्नेह जिन्होंने स्व स्फूर्त सक्रिय होकर मुझे भी शोध कार्य करने के लिए ऊर्जा प्रदान किया। व्यवस्थागत सुधारों और अपने शोध कार्यों में निरंतर निखार लाने आप सभी का टिप्पणियों एवं सुझावों का मैं स्वागत करता हंू जिनसे भावी संशोधनों में मुझे मार्गदर्शन व मदद मिल सकती है।
इस संबंध में शोधकर्ता शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने बताया कि शिक्षा सत्र 2022-23 में मेरे द्वारा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा), संकुल केन्द्र अमोदा, विकासखण्ड नवागढ़, जिला-जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ में कक्षा 8 के विद्यार्थियों में सौरमण्डल की उचित समझ विकसित करना विषय पर क्रियात्मक अनुसंधान किया गया है। क्रियात्मक अनुसंधान एक ऐसा अनुसंधान है जिससे शिक्षा के क्षेत्र में लागू करके हम कई समस्याओं का निदान कर सकते है। वास्तव में क्रियात्मक अनुसंधान मौलिक अनुसंधान के वास्तविक अभिप्राय को अपनाते हुए सिद्धांत के प्रतिपादन की बजाय, समस्याओं के समाधान पर अपना ध्यान केन्द्रित करता है। मेरे द्वारा इस क्रियात्मक अनुसंधान को कुल 45 स्कूल कार्य दिवसों में संपन्न किया गया है जिसमें 3 दिवस समुदाय, शिक्षक स्टाप व बच्चों से चर्चा करने, 03 दिवस कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्नावली, टीएलएम व उपकरण तैयार करने में, 04 दिवस पूर्व व पश्च परीक्षण कर, 20 दिवस कार्ययोजना के क्रियान्वयन करके, 05 दिवस आंकड़ों का संकलन, वर्गीकरण व विश्लेषण करने में तथा 10 दिवस लेखन कार्य, कम्प्यूटर टंकण व फाइल तैयार करने में व्यतीत हुआ। इस तरह से यह क्रियात्मक अनुसंधान आपके समक्ष अवलोकनार्थ सादर प्रस्तुत है।










  






















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