The Digital Teacher : 73 वां गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र को बेहतर बनाने समस्त नागरिक दे अपना योगदान...

73 वां गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र को बेहतर बनाने समस्त नागरिक दे अपना योगदान...



प्रिय विद्यार्थियों, शिक्षक साथियों, आम नागरिकों सादर स्नेह व नमस्कार, 

इस वर्ष हम सब 73 वां भारतीय गणतंत्र दिवस मना रहे है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था। इस अवसर पर हम अपने देश के सभी महापुरूषों, वीर शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है। मैं इस अवसर पर कहना चाहूंगा कि बिना अनुशासन के राष्ट्र का उत्थान असंभव है। वर्तमान समय में युवाओं में बढ़ती अनुशासनहीनता हमारे देश व समाज के विकास के लिए बाधक साबित हो रही है। ऐसे में आज की युवा पीढ़ी को देश व समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को बेहतर समझने की जरूरत है। आज स्कूली शिक्षा में नई तकनीकों को सिखाने की आवश्कता है। एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए युवाओं को हर क्षेत्र में अवसर देने की आवश्यक है। युवा पीढ़ी की क्षमता को हम उनके किसी परीक्षा में मिले कम या ज्यादा नंबरों से नहीं आक सकते। हमे युवाओं की उर्जा को सही दिशा दिखाना होगा, युवा कल भी थे, आज भी है और कल भी रहेंगे। हमारी युवा पीढ़ी नई तकनीक को आत्मसात करने में सक्षम है। हम विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में न सिर्फ भाग ले बल्कि जी जान लगाकर उसमे सफल भी होवे। जिस क्षेत्र में हमारे युवाओं का प्रदर्शन अच्छा है हमें उस क्षेत्र में जाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखना होगा। 


चाहे सड़क हो या सरकारी दफ्तर या बैंक हमें भीड़ में धक्के मार कर कर आगे बढ़कर अपना काम जल्दी कराने की गलत आदतों से बचने की जरूरत है। हम अपने इस तरह के व्यवहार से हमारे देश को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में नहीं पहुंचा सकते हैं। विकसित देशों की जनता के अनुशासित व्यवहार को देखकर तो यही लगता है कि हमें विकसित होने से पहले अनुशासित होना पड़ेगा। शिक्षक श्री सूर्यवंशी कहते है कि  आजकल खेलकूद में भी बहुत सारे अवसर उपलब्ध हो रहें हैं और केंद्र सरकार के संग राज्य सरकारों द्वारा भी उसे बहुत प्रोत्साहित किया जा रहा है अतः उसमें विद्यार्थीगण अपना भाग्य आजमायें और विश्व में अपने देश का नाम रौशन करने में अपनी भूमिका निभायें। कोविड के इस संक्रमण काल में हमें अपने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना होगा। चाइल्ड ब्रेन की क्रिएटिविटी और डेवलपमेंट को बेहतर बनाने हमें अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। आज शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।  


देश और समाज के बेहतरी के लिए हमारी युवा पीढ़ी को देश के सर्वोच्च पदो पर भी जाने की जरूरत है। आज के इस युग में सबके कुछ ना कुछ ड्रीम है किसी को इंजिनियर बनना है तो किसी को डाक्टर किसी को सिविल सर्विस में जाना है और उनके इस ड्रीम को पूरा करने के लिए उनके परिवार वाले भी साथ देते हैं परन्तु मैंने किसी से नहीं सुना के किसी को विधायक बनना है या सासंद यह भी हमारे भारत देश के सर्वाेच्च पद है सम्मानित दायित्व है युवा पीढ़ी ऐसे पदो पर जाकर देश को और बेहतर दिशा दे सकते है। सभी के पास एक दिन में 24 घंटे ही होते है, हम चाहे तो उसमें से रोजाना 18 घंटे पढ़ाई की जा सकती है। यह डाक्टर बाबा साहेब अंबेडकर ने अपने जीवन में किया था। अपनी 18 घंटे की नियमित पढ़ाई की मेहनत से ही आज वो विश्व रत्न कहला रहे है। एक शिक्षक होने के नाते हमारी भूमिका अभिभावक, मार्गदर्शक और समाज के सभी वर्गों के लोगों का ख्याल रखने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति जैसे होनी चाहिए। हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि हमारी युवा पीढ़ी हमारे आशीर्वचनों को ग्रहण करें और हमारे मार्गदर्शन में देश व समाज के स्वर्णिम भविष्य के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दें। अभी हमारा पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हम सबको उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेनी चाहिए।


विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान हमारे पास है यही नहीं आज हमारा भारत बड़े देशों की तुलना में बेहतर प्रगति उन्नति कर रहा है। देश की उपलब्धियों को देखे तो हमें पता चलता है कि आज हमारा भारत विश्व के 25 सबसे ताकतवर देशों की सूची में चौथे नंबर पर है। जीएसटी का मासिक टैक्स कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुँच गया है। नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के मामले में हमारा भारत आज अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ चुका है। हमारे देश की जीडीपी आज 8.2 पहुंच चुकी है जो विश्व के बड़े देशों के समकक्ष है। जल थल और आकाश तीनों में मिसाइल दागने की क्षमता वाली सुपरसोनिक मिसाइल हमारे देश में आज उपलब्ध है। यह सब हमारे देश की बड़ी उपलब्धियां है हमें इन उपलब्धियों को और आगे ले जाने में अपना योगदान देना होगा।


26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर प्रदर्शित झांकियों में से चुन सकते हैं अपनी मनपसंद झांकी,
ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं चयन की सुविधा,
छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की छटा दिखेगी राजपथ पर,
26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर मुख्य समारोह में देश के विभिन्न राज्यों की प्रदर्शित झांकियों में से लोग अपनी मन पसंद की झांकी का चयन कर सकते हैं। लोगों को पहली बार अपनी पसंद की झांकी को चुनने के लिए ऑनलाईन वोट की सुविधा मिली है। इसके लिए सर्वप्रथम http://mygov.in/rd2022  लिंक पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस लिंक पर देश के राज्यों के नाम का आप्शन चयन के लिए उपलब्ध है, जिसकी झांकी पसंद आई है। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी भी राजपथ पर अपनी छटा बिखरेगी।

       गौरतलब है कि इस साल देश के सिर्फ 12 राज्यों की झांकियां ही प्रदर्शन के लिए चयनित हुई हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है। कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य की इस साल की झांकी गोधन न्याय योजना से संबंधित है। छत्तीसगढ़ की झांकी को रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित कठिन चयन प्रक्रिया के विभिन्न दौर से गुजरने के बाद यह सुअवसर मिला है।
आयुक्त जनसम्पर्क छत्तीसगढ़ दीपांशु काबरा ने बताया, विशेषज्ञ समिति ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इंडिया-75 न्यू आईडिया की थीम घोषित की है। गोधन न्याय योजना को न्यू आइडिया के तौर पर चयनित किया गया है। गोधन न्याय योजना पर बनी छत्तीसगढ़ की झांकी की विशेषता है कि वह गांवों में उपलब्ध संसाधन और तरीकों को आधुनिक तकनीक के साथ प्रस्तुत करती है। यह बताती है कि शहरी और ग्रामीण की तकनीक को मिला लिया जाए, तो विश्व की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है।

ऐसी है इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी-
       झांकी के अगले भाग में गाय के गोबर को इकट्ठा करके उसे बेचने के लिए गोठानों की ओर ले जाती महिलाओं को दर्शाया जाएगा। ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में होंगी। इन्हीं में से एक महिला को गोबर से उत्पाद तैयार कर बेचने के लिए बाजार ले जाते दिखाया जाएगा। महिलाओं के चारों ओर गोठानों में साग-सब्जियों और फूलों की खेती दिखाई जाएगी। नीचे की ओर गोबर से बने दीयों की सजावट की जाएगी। झांकी के पिछले हिस्से में गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित होते दिखाया गया है।

झांकी में यह भी दिखेगा-
     इस झांकी मध्य भाग में गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखकर पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार और आय में बढ़ोतरी की छटा दिखेगी। सबसे आखिर में चित्रकारी करती हुई ग्रामीण महिला को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्प और कलाओं के विकास की प्रतीक के रूप में दर्शाया जाएगा। इसमें प्रदेश में विकसित हो रही जल प्रबंधन प्रणालियों, बढ़ती उत्पादकता और खुशहाल किसान को भित्ति-चित्र शैली में दिखाया जाएगा। इसी क्रम में गोबर से बनी वस्तुओं और गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करती स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भी झांकी में दिखेंगी। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी के लिए लोगों से वोटिंग की अपील की गई है।


जिन्दगी और वतन दोनो ही अहम है,
ये हमारा कर्तव्य है कि दोनो की रक्षा करे।


                                                                     जय हिंद, जय भारत, जय छत्तीसगढ़






गणतंत्र दिवस 2022 के अवसर पर राजपथ दिल्ली में झांकी का दृश्य ...












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