The Digital Teacher : प्रौढ़ शिक्षा पढ़ना-लिखना अभियान हेतु नवागढ़ ब्लाक के स्वयंसेवकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न..

प्रौढ़ शिक्षा पढ़ना-लिखना अभियान हेतु नवागढ़ ब्लाक के स्वयंसेवकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न..


जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण जांजगीर-चांपा के मार्गदर्शन में विकासखण्ड साक्षरता मिशन नवागढ़ द्वारा पढ़ना-लिखना अभियान के तहत स्वयंसेवी शिक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण 15 से 16 मार्च तक संपन्न हुआ। जिला साक्षरता अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी रा.गा.शि.मि. श्री ब्राम्हणी जी, डाईट प्राचार्य श्रीमती सविता राजपूत व बीईओ श्री विजय कुमार लहरे ने प्रशिक्षण का डाईट भवन में शुभारंभ किया। अतिथियों ने अपने संबोधन में इस प्रदेश व्यापी महाअभियान में निस्वार्थ भावना से जुड़ने व स्वयंसेवी शिक्षकों की सक्रियता की सराहना की। प्राधिकरण के जिला नोडल अधिकारी श्री संतोष कुमार कश्यप ने पढ़ना-लिखना अभियान के क्रियान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अभियान में 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को साक्षर कर शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। असाक्षरों को स्वयंसेवी शिक्षक 120 घंटे की पढ़ाई आखर झांपी प्रवेशिका से कराएंगे। डाईट प्राचार्य श्रीमती सविता राजपूत ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक विशेष कार्यक्रम है जिसमें कंप्यूटर की बुनियादी साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता, चुनावी साक्षरता, श्रेष्ठ पालकत्व, जीवन मूल्य, आत्मरक्षा इत्यादि का ज्ञान कराया जा रहा है। अभियान के ब्लाक नोडल अधिकारी श्री राजीव नयन शर्मा ने पढ़ना लिखना अभियान का परिचय देते हुए बताया कि नवागढ़ ब्लाक से कुल 2925 असाक्षरों का सर्वे के माध्यम से चिन्हांकन किया गया है जिन्हे साक्षर बनाने के लिए 312 स्वयंसेवक शिक्षकों का चिन्हांकन कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान के लिए मैचिंग बैचिंग अर्थात कौन किसको कहां पढ़ाएगा, का चिन्हांकन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। श्री शर्मा ने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण में साक्षरता के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, पोषण साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, चुनावी साक्षरता व शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से भी अवगत कराया। कुशल प्रशिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने दो दिवसीय प्रशिक्षण मंे वातावरण निर्माण, स्वयंसेवी शिक्षकों की भूमिका, डिजिटल माध्यमों का उपयोग, नवाचारी गतिविधियां, कक्षा संचालन कैसे करें, साक्षरता केंद्र का रखरखाव, प्रौढ़ों को समझना, सिखने की अवधारणा व शिक्षण पद्धति, प्रवेशिका का परिचय, पठन पाठन गतिविधियां, आंतरिक मूल्यांकन एवं परीक्षा प्रक्रिया आदि विषयों पर गहन प्रशिक्षण दिया। पढ़ना-लिखना अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए आखर झापी किताब के सभी पाठ के विडियों को प्रोजेक्टर प्रदर्शित किया गया। कुशल प्रशिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि 120 घंटे की पढ़ाई के बाद एनआईओ द्वारा बुनियादी साक्षरता का मूल्यांकन किया जाएगा। इस पूरे अभियान में लचीलापन व नवाचारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में प्रशिक्षकगण श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी, श्री सरकार सिंह लहरे, श्री असीमधर दीवान व श्री मनोज पटेल, श्री सुनील पटेल, कुमारी प्रतिभा रत्नाकर आदि का सराहनीय योगदान रहा। दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षार्थियों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया तथा पूरे सत्र का पंजीयन फार्म, फीडबैक फार्म भराया गया जिसके आधार पर सभी को प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। 


































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