The Digital Teacher : शिक्षक दिवस पर आयोजन, डिजिटल विद्यालय में शिक्षकों का बच्चों ने किया सम्मान

शिक्षक दिवस पर आयोजन, डिजिटल विद्यालय में शिक्षकों का बच्चों ने किया सम्मान


गुरू बिन ज्ञान न उपजै, गुरू बिन मिलै न मोष। 
गुरू बिन लखै न सत्य को गुरू बिन मिटै न दोष।। 
बिना गुरू के ज्ञान मिलना असम्भव है। तब तक मनुष्य अज्ञान रूपी अंधकार में भटकता हुआ मायारूपी सांसारिक बन्धनों मे जकड़ा रहता है जब तक कि गुरू की कृपा प्राप्त नहीं होती। गुरू मोक्ष रूपी मार्ग दिखलाने वाले हैं। बिना गुरू के सत्य एवं असत्य का ज्ञान नहीं होता। उचित और अनुचित के भेद का ज्ञान नहीं होता फिर मोक्ष कैसे प्राप्त होगा? अतः गुरू की शरण में जाओ, गुरू ही सच्ची राह दिखाएंगे।
जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा) में 5 सितंबर को डिजिटल विद्यालय में धूमधाम से शिक्षक दिवस सेलीब्रेट किया गया। इस मौके पर बच्चों ने खुद कार्यक्रम का संचालन किया। बाल केबिनेट के प्रधानमंत्री राज यादव, खेल मंत्री करन कुमार, स्वास्थ्य खाद्य एवं स्वच्छता मंत्री कुमारी अंजली, शिक्षामंत्री कुमारी मानसी यादव, वित्त मंत्री कुमारी पूजा कंवर, कानून मंत्री कुमारी नागेश्वरी साहू, उद्योग मंत्री कुमारी नंदनी यादव व पर्यावरण मंत्री कुमारी मंगली केंवट सहित विद्यार्थियों ने कहा कि शिक्षक वह शुभ दिन है, जो विद्यार्थियों को आशा की तरफ प्रेरित कर उनकी कल्पना शक्ति रूपी दीपक को प्रज्ज्वलित कर उनके भीतर सीखने की ललक पैदा कर सकता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विद्यालय के प्रधान पाठक श्री कन्हैया लाल मरावी, उवशि श्री हीरालाल कर्ष, श्री संतोष कुमार श्रीवास, श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी व साधराम यादव का बुके भेंटकर, आरती उतारकर और कलम भेंटकर सम्मान किया। बच्चों ने शिक्षक दिवस पर डिजिटल कक्ष को फूलों और गुब्बारों से सजाकर स्कूल के माहौल को भरपूर मनोरंजक बना दिया था। इस प्रकार शिक्षक दिवस का यह कार्यक्रम हर्ष उल्लास भरे वातावरण में संपन्न हुआ। प्रधान पाठक श्री कन्हैयालाल मरावी ने इस अवसर पर कहा कि विद्यार्थियों में जीवन जीने की कला एक शिक्षक ही सिखाता है। आज के परिवेश में नैतिकता के लिए दृढ़ संकल्पित होना अत्यंत आवश्यक है। उच्च वर्ग शिक्षक श्री हीरालाल कर्ष ने अपने उद्गार में कहा कि भारतवर्ष में आदि-अनादि काल से गुरु-शिष्य परंपरा का सिलसिला चलता आ रहा है। गुरुओं के ज्ञान के प्रकाश से भारत लंबे समय तक विश्वगुरू बना रहा। दुनिया के कई अविष्कारों की जननी भारतभूमि रही है और यहां के शिक्षकों की ख्याति सात समंदर पार तक रही है। हमें अपने गुरूओं का सदैव आदर सम्मान करना चाहिए। उच्च वर्ग शिक्षक श्री संतोष कुमार श्रीवास ने सभी विद्यार्थियों को बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि हमारे देश में गुरू या शिक्षक की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है. वास्तव में ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें शिक्षक ही भगवान की पहचान करना सिखाते हैं. इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति के मानसिक-बौद्धिक विकास में शिक्षक का सबसे बड़ा योगदान होता है। अपने संबोधन में शिक्षक श्री राजेश कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन ज्ञान के महासागर थे। शिक्षा से उनको गहरा लगाव था। डा.  राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक गांव में हुआ था। राधाकृष्णन की आर्थिक हालात ठीक ना होने पर भी उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और एक महान शिक्षक और दार्शनिक बनें प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद उन्होंने दर्शन शास्त्र में एम.ए. किया और मद्रास रेजीडेंसी कालेज में सहायक प्राध्यापक बने। देश आज भी उनको महान शिक्षाविद और दार्शनिक के रूप में याद करता है। इसी तरह से सावित्री बाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था। शिक्षक दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने शाला प्रबंधन व विकास समिति के पदाधिकारियों सहित महिला समूह व सभी विद्यार्थियों का सराहनीय योगदान रहा। 
                                                       शिक्षक दिवस का महत्व
विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन होता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (5 सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। देश के पहले उप-राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे।  


















































   



No comments:

Post a Comment

डिजिटल स्कूल में दीक्षांत समारोह के साथ परीक्षाफल की घोषणा, बच्चों को बांटे गये अंकसूची...

नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व माध्य.शाला नवापारा (अमोदा) में शिक्षा सत्र के अंतिम दिवस आज 29 अप्रैल शनिवार को प्रगति पत्रक वितरण सह दीक्षांत समार...