The Digital Teacher : आजादी का अमृत जन-जन तक पहुंचाने हम सबकी महती जिम्मेदारी

आजादी का अमृत जन-जन तक पहुंचाने हम सबकी महती जिम्मेदारी


आप सभी शिक्षक साथियों, प्यारे विद्यार्थियों, सम्माननीय पालकों व आम नागरिकों का मैं राजेश कुमार सूर्यवंशी शिक्षक अभिनंदन करता हूं, आज हम भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार स्वतंत्र दिवस मना रहे है। हमारे देश को आजादी मिले 75 साल पूरे हो गए हैं। 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को 200 वर्षों के ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली थी। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ की मंगलमय शुभकामनाएं। आज मैं महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहर लाल नेहरू, सरोजनी नायडू, रवींद्र नाथ टैगोर, शहीद वीरनारायणसिंह, रानी लक्ष्मी बाई सहित सभी स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं नमन करता हूं। आज हम जिस आजाद भारत में सुख चैन की नींद सो रहे हैं, वह हमें सालों की कठिन तपस्या, संघर्ष एवं असंख्य कुर्बानियों के बाद मिली है। पहले भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था उस लंबी अवधि में भारतवासियों ने बहुत कुछ सहा है। अपने ही देश में गुलामों का जीवन जीना कितनी बड़ी यंत्रणा है, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है। हम भाग्यशाली हैं कि हमने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है। आजादी के बाद हमें हमारा संविधान मिला, अपना जीवन अपने तरीके से जीने की आजादी मिली, हम अपने मौलिक अधिकारों का पूरा आनंद उठा रहे हैं यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की देन है।

जय जय प्यारा, जग से न्यारा
शोभित सारा, देश हमारा
जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा
जग-सौभाग्य सुदेश, जय जय प्यारा भारत देश




हमारे सरकारी विद्यालयों में काम कर रहे सभी शिक्षक व कर्मचारी स्टाफ का मैं इस अवसर पर अभिनंदन, स्वागत करता हूं। आप सब के सहयोग से हम सरकारी विद्यालयों को एक अलग उत्कृष्ट पहचान दिलाने में लगे हुए है। हम जिस भी पद में है उस पद में रहते हुए अपने देश व समाज के लिए जितना बेहतर कर सकते है हमें करना चाहिए। एक शिक्षक के नाते हमें अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करना चाहिए।

जाति-पाति, ऊँच-नीच के भेदभाव को है मिटाना 
हर भारतवासी को अब अखंडता का पाठ है सिखाना
वीर शहीदों की कुर्बानियों को अब व्यर्थ नहीं है गवाना
राष्ट्र का उज्ज्वल भविष्य बनाकर, आजादी का अर्थ है समझाना


साथियों माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा इस स्वतंत्रता दिवस को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की अपील की गयी है। उन्होंने इस अमृत महोत्सव की शुरुआत गुजरात के साबरमती से की गई थी जहां से देश की आज़ादी के लिए बापू महात्मा गांधी के नेतृत्व में दांडी मार्च शुरु किया गया था। हमारे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की भावना को मज़बूत करने और आज़ादी के महत्व को अच्छे से समझने के लिए आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आप सभी को ज्ञात होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अप्रैल 2022 को अपने मन की बात कार्यक्रम में हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा की। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि इस अभियान में अपनी भागीदारी निभाते हुए अपने घरों में तिरंगा जरूर फहराएं। आज़ादी के अमृत महोत्सव का मतलब है, स्वतंत्रता सेनानियों से प्राप्त प्रेरणा का अमृत। स्वतंत्रता का अमृत यानि नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत। स्वतंत्रता का अमृत है, इस अवसर पर हम सबको अपने कर्तव्य पर अपना संपूर्ण योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए।

महान है भारत देश, महान है इसकी आज़ादी,
पाने को जिसे वीरों ने अपनी जान गंवा दी,
इसी आज़ादी का अमृत महोत्सव हमें मनाना है,
जन-जन की भागीदारी से आत्मनिर्भर भारत बनाना है।



स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण ही आज हम लोग आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और अब हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम देश को इतना सुरक्षित और मज़बूत बनाएं कि कभी कोई विदेशी इसकी ओर आंख उठाकर भी ना देख सके। केवल स्वतंत्रता दिवस में ही हमारा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता। हम सबको अपने अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए और देशहित में काम करना चाहिए। हमें किसी भी राजनैतिक, सांस्कृतिक और किसी भी अन्य प्रकार की पराधीनता को स्वीकार नहीं चाहिए। प्रत्येक राष्ट्र के लिए स्वाधीनता का बहुत महत्व होता है। साथियों इस सच को भी हमें स्वीकार करना होगा कि आज हमें आजादी मिले 75 साल हो चुके हैं लेकिन हमारा देश महिला विरोधी अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, कट्टरवाद,  गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, भू्रण हत्या, बाल विवाह, असमानता, लिंगभेद जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। आज आजादी की सालगिरह के मौके पर हम सभी को इन्हें जड़ से खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। हमें अपनी कक्षा में बच्चों को इन गंभीर मुद्दों पर बातचीत के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है।

हरी भरी धरती हो, नीला आसमान रहे
फहराता तिरँगा, चाँद तारों के समान रहे



कोई भी राष्ट्र तभी उन्नति कर सकता जब वहां के सभी नागरिक शिक्षित हो, आत्मनिर्भर हो। हम सब शिक्षकीय पेशे से जुड़े है तो हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चों की बेहतर शिक्षा दीक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें। एक नवाचारी शिक्षक होने के नाते अब तक मुझे राज्य के विभिन्न जिलों सहित भारत की राजधानी दिल्ली का अनेकों बार शैक्षणिक भ्रमण करने का अवसर मिला है और इस दौरान मैंने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की गतिविधियों का अवलोकन किया है मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि हमारे विद्यार्थियों को भी महानगरों की तर्ज पर उत्कृष्ट शैक्षणिक माहौल मिले जिससे वे गौरवान्वित महसूस करते हुए इस संस्था में पढ़ाई कर सके। 

                                जब भारत मां का हर बच्चा अच्छी शिक्षा पायेगा
                              तब हमारा तिरंगा सारे जग में और शान से लहरायेगा



हमें आत्मनिर्भर भारत, शक्तिशाली भारत, स्वावलंबी भारत के सपने को सच करते हुए अपनी कर्तव्य-परायण भावना का परिचय राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर करना चाहिए। हम लोग इतने शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में बने रहें कि भविष्य में कोई भी ताकत, भारत की ओर आँख उठाकर न देख सकें। हमारे पूर्वजों ने हमें जो आज़ादी दी है, उसे हमें सुरक्षित रखना है तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहना है। आज़ादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए और आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देगा।

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची होगी जब तक एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे।





आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर हमें यह कहते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा कि हमारे देश ने चहुँमुखी विकास किया है। आज हम विश्व की चौथी बड़ी शक्ति बन चुके हैं। हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रमंडल खेल जो कि बर्मिंघम इंग्लैण्ड में आयोजित हुआ हमारे देश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 22 स्वर्ण पदक, 16 रजत पदक व 23 कास्य पदक जीते है जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ खेल प्रदर्शन है इससे विश्व में हमारा मान सम्मान बढ़ा है। भारत आज भी एक शांतिप्रिय देश के रूप में मशहूर है, और इसका श्रेय गांधीजी को जाता है। हमें उनके अहिंसा दर्शन को हमेशा याद रखना चाहिए और अपने जीवन में इसका पालन करना चाहिए। अपने 75 साल के इतिहास में हर तरह से समर्थ होते हुए भी कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया, और जिसने हमारी शांति को कमजोरी समझा, हमने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। एक बार फिर आजादी के इस अमृत महोत्सव पर आप सभी को अनेकानेक शुभकामनाएं देते हुए मैं राजेश कुमार सूर्यवंशी अपनी बात समाप्त करता हूं ...





जय हिंद... जय भारत... जय छत्तीसगढ़ महतारी ...
 

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