The Digital Teacher : विश्व जल दिवस पर विद्यालय से निकली जागरूकता रैली, नदी तट पर लगी चोपाल

विश्व जल दिवस पर विद्यालय से निकली जागरूकता रैली, नदी तट पर लगी चोपाल


विश्व जल दिवस 22 मार्च 2019 पर जल व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए नवागढ़ ब्लाक के शास.पूर्व मा.शाला नवापारा (अमोदा) से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। जागरूकता रैली विद्यालय से निकलकर गांव का भ्रमण करते हुए हसदेव नदी तट पर पहुंची जहां समुदाय के सहयोग से स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के डिजिटल रूम में जल संरक्षण पर आधारित विडियो का प्रदर्शन कर समुदाय व विद्यार्थियों को जागरूक किया गया। विश्व जल दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों के मध्य जल संरक्षण पर भाषण, स्लोगन व चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर सहभागिता निभाया।
गौरतलब हो कि जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध शैक्षणिक नवाचारी गतिविधियों का केन्द्र के रूप में चिन्हांकित शास. पूर्व माध्य. शाला नवापारा (अमोदा) में प्रतिवर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस का आयोजन कर जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष का थीम है- लिविंग नो वन बिहाइण्ड अर्थात किसी को पीछे नहीं छोड़ना। इसी थीम को लेकर आज 22 मार्च शुक्रवार को विद्यालय परिसर से प्रातः 9 बजे जागरूकता रैली निकली जहां समुदाय के लोग हाथ में झाडू, फावड़ा रखे हुए थे तो वही छात्र-छात्राओं ने- ”जल है कुदरत का वरदान, मानव करों इसका सम्मान। पानी से ही है खुशहाली, पानी के बिना होगी बदहाली। वृक्ष लगाइए, जल बचाइए। जल बिना, जग है सूना। वृक्षों का रोपण, जल संकट का समापन। जल है तो कल है, जल ही जीवन है। पानी की समस्या है विकराल, जल बचाव की बने मिशाल। परंपरागत जल संरक्षण की तकनीकें अपनाइए” जैसे स्लोगन वाली तख्तियां हाथों में थामे हुए थे। जागरूकता रैली गांव के भीतर से होते हुए निकली जहां विद्यार्थी जल संरक्षण के नारों को दोहराते हुए लोगों को पेयजल स्त्रोत स्थल यथा कुआ, तालाब, हैण्डपंप के आसपास को सदैव स्वच्छ रखने की अपील करते हुए साथ चलने का आह्वान करते हुए चलते रहे और समुदाय के लोग जागरूकता रैली का हिस्सा बनते गये। रैली हसदेव नदी के तहट पर पहुंचकर समाप्त हुई जहां नदी तट पर सफाई अभियान चलाया गया जिसके बाद नदी के जल के भीतर सभी ने प्रवेश किये और कार्यक्रम के संयोजक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने सभी को शपथ दिलाते हुए कहा कि जल संरक्षण करेंगे एवं जल को व्यर्थ होने से रोकने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हम सबका दायित्व बनता है कि जल संरक्षण के लिए एक साथ आगे आये। हम सबका छोटा प्रयास बड़े परिणाम दे सकता है। अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ बदलाव लाकर हम पानी की समस्या से निपट सकते है। कार्यक्रम के संयोजक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व जल दिवस मनाने की पहल की थी जिसके बाद 22 मार्च को यह आयोजन किया जाने लगा। आयोजन का उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
                     हसदेव नदी तट पर लगी चोपाल, जल संरक्षण के उपायों पर हुई चर्चा
जागरूकता रैली के बाद हसदेव नदी किनारे चैपाल लगी जहां सभी ने अपने अनुभव शेयर किये। कार्यक्रम में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन से पहुंचे नीरज राणा ने जल के महत्व को बताते कहा कि हम सभी को जल संरक्षित करना होगा। साथ ही दूसरों को प्रेरित करना होगा, ताकि हम भविष्य के लिए जल संकट से बच सकें। उन्होंने बैंगलूर जैसे महानगर में पानी की समस्या को लेकर अपने अनुभव शेयर किये। अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन शिवरीनारायण से पहुंचे विवेक लोधी ने पानी, मिट्टी और पौधों को लेकर अपने व्यवहारिक अनुभव बताये। उन्होंने कहा कि पीने के लिए उतना ही पानी ले जितना पी सके और बचे पानी को फेकने के बजाय पक्षियों के लिए बर्तन में रखे। शिक्षक सरकार सिंह लहरे ने अपने संबोधन में कहा कि ये तो आप लोग अच्छे से जानते हैं कि जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। यदि हम जल का सही उपयोग करें तो आने वाले समय में हमें जल की कमी नहीं होगी। हमें जल के प्रदूषण को भी रोकना होगा। प्राथ.शाला अकलतरी से पहुंचे शिक्षक राजेन्द्र यादव ने कहा कि आज विश्व जल दिवस मनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसका कारण कहीं न कहीं जल के महत्व की समझ में कमी होना भी है। यदि हमें वास्तव में जल के महत्व की समझ होती तो हम जल का दुरुपयोग नहीं करते। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमती सावित्री बाई चैहान ने नदी, कुआ व तालाब में जल पानी को संरक्षित रखने तथा जितना जरूरत उतना पानी के उपयोग को व्यवहार में लाने की अपील की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान पाठक कन्हैया लाल मरावी ने कहा कि घटता हुआ भूजल स्तर और वर्षा की मात्रा में निरंतर होने वाली कमी आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजेश कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखना आज सबसे बड़ी चुनौती है। विद्यार्थियों को प्रकृति का अमूल्य उपहार जल का महत्व समझाने हेतु यह आयोजन प्रत्येक वर्ष किया जाता है। छात्राओं की ओर से दुर्गा, नागेश्वरी, पूजा, हेमलता, मानसी ने अपने विचार रखते हुए जल संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डाला। इसके बाद विद्यालय के डिजिटल रूम में समुदाय, विद्यार्थियों व अतिथियों ने जल संरक्षण पर आधारित प्रेरणादायी विडियों देखी जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में पेयजल की विकट समस्या को दर्शाया गया साथ ही समाधान के उपाय भी सुझाये गये। संपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में शाला प्रबंधन अध्यक्ष श्रीमती सावित्री बाई चैहान, श्रीमती सुमित्रा यादव, श्रीमती कांति बाई साहू, श्रीमती रामबाई साहू, प्रधान पाठक श्री कन्हैया लाल मरावी, श्री साधराम यादव आदि का सराहनीय योगदान रहा।
                                            https://youtu.be/BRjHBYK_y_g
कार्यक्रम का IBC24 न्यूज चैनल में 22 मार्च 2019 की रात 10 बजे हुआ प्रसारण






















 


2 comments:

  1. जल है तो कल है। जल संरक्षण आज की महती आवश्यकता । इस संदर्भ में आपका जागरूकता अभियान अनुकरणीय ।

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