The Digital Teacher : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति किया गया सजग ...

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति किया गया सजग ...

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति किया गया सजग ...
आज 28 फरवरी 2019 गुरूवार को डिजिटल विद्यालय शा.पूर्व मा.शाला नवापारा अमोदा (नवागढ़) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन कर विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में भारत के परमाणु ऊर्जा व अन्य अविष्कारों पर आधारित विडियों का प्रदर्शन किया गया। परिचर्चा के माध्यम से यह मंगलकामना की गयी कि समाज के लोगों का जीवन स्तर विज्ञान के अविष्कारों से अधिकाधिक खुशहाल हो सके व देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति करता रहे।
गौरतलब हो कि विज्ञान दिवस पर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करने, भारत के वैज्ञानिकों व उनकी खोजों से अवगत कराने तथा उन्हें नये प्रयोगों के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से डिजिटल क्लासरूम में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व पर चर्चा करते हुए नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि महान भौतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने वर्ष 1928 में कोलकाता में रमन प्रभाव की खोज की थी और वर्ष 1930 को उन्हे इसके लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था जिसके बाद वर्ष 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को पूरे भारतवर्ष में विज्ञान दिवस मनाया जाता है। शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने रमन प्रभाव के संबंध में बताया कि रमन प्रभाव में एकल तरंग मोनो क्रोमेटिक किरणें जब किसी पारदर्शी माध्यम ठोस, द्रव्य या गैस से होकर गुजरती है तो इसकी छितराई किरणों का अध्ययन करने पर पता चला कि मूल प्रकाश की किरणों के अलावा स्थिर अंतर पर बहुत कमजोर तीव्रता की किरणें भी उपस्थित होती है इन्हीं किरणों को रमन प्रभाव कहा गया। यह किरणें माध्यम के कणों के कंपन्न एवं घूर्णन की वजह से मूल प्रकाश की किरणों में उर्जा में लाभ या हानि होने से उत्पन्न होती है। यह अविष्कार अनुसंधान की अन्य शाखाओं औषधि विज्ञान, जीव, भौतिकी, खगोल व दूर संचार के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण खोज है। इस अवसर पर प्रधान पाठक कन्हैया लाल मरावी, कर्मचारी साधराम यादव, एसएमसी के सदस्यगण सहित विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
              बच्चों ने देखी मिराज फाइटर प्लेन 2000 की गतिविधि आधारित विडियों
विज्ञान दिवस के अवसर पर डिजिटल विद्यालय में विद्यार्थियों को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 की गतिविधियों पर आधारित विडियों का प्रदर्शन कर अवगत कराया गया। विद्यार्थियों को बताया गया कि भारतीय वायुसेना का यह विमान वज्र भी कहलाता है। इसकी रफ्तार 2500 कि.मी. प्रति घंटा है जो कि हवा से हवा में तथा हवा से जमीन में बम या मिसाइल गिरा सकती है। यह विमान 6000 कि.ग्रा. से भी अधिक का वजन उठाकर आकाश में उड़ सकती है।


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