The Digital Teacher : राष्ट्रीय आई.सी.टी. अवार्ड हेतु ज्यूरी के समक्ष राज्य के 5 शिक्षकों ने दिया प्रस्तुति ..

राष्ट्रीय आई.सी.टी. अवार्ड हेतु ज्यूरी के समक्ष राज्य के 5 शिक्षकों ने दिया प्रस्तुति ..

मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्थापित विद्यालयी शिक्षकों हेतु राष्ट्रीय सूचना व संचार प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2017 के चयन हेतु निर्णायक समिति का कार्यशाला 23 से 27 अप्रैल 2018 तक केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली में संपन्न हुआ। कार्यशाला में देश भर के सभी 29 राज्यों से 112 आईसीटी शिक्षकों को आमंत्रित किया गया था जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से 5 शिक्षकों चक्रपाल तिवारी व्याख्याता पं. उ.मा.शाला धाराशिव (रोगदा), कृष्ण कुमार कश्यप व्याख्याता पं. उ.मा.शाला भड़ेसर, राजेश कुमार सूर्यवंशी शिक्षक पं. (पूर्व मा.शाला नवापारा अमोदा), नारायण प्रसाद देवांगन प्रा.शाला नयाकटाड तिल्दा रायपुर व केशवराम वर्मा प्रधान पाठक पंचम दीवान क.पूर्व मा.शाला भाठापारा बलौदा बाजार ने हिस्सा लिया और अपने शैक्षिक कामकाज का ज्यूरी मेंबर्स सहित देशभर के शिक्षकों के सामने प्रस्तुतीकरण किया। कार्यशाला से लौटकर नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने प्रेस को बताया कि यह योजना उन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रस्तावित है, जिन्होंने विद्यालयी पाठ्यक्रम एवं विषय शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने के लिए नवीन एकीकृत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विद्यार्थियों में आईसीटी के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करते हुए खोज आधारित सहायक और सहयोगपूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दिया है। श्री सूर्यवंशी ने बताया कि कार्यशाला के द्वितीय दिवस 22 अप्रैल को असम, अरूणाचल प्रदेश, तेलांगना, बिहार, आंध्रा प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिभागियों की बारी आयी, और सभी 5 शिक्षकों ने एक से बढ़कर एक बेहतर कार्यों का प्रदर्शन कर राज्य का गौरव बढ़ाया। श्री सूर्यवंशी ने बताया कि अपने 10 मिनट के प्रस्तुतीकरण में मैंने जांजगीर-चांपा जिले के प्रथम डिजिटल स्कूल से लेकर आईसीटी के क्षेत्र में प्रमुख समस्याएं व चुनौतियां, विद्यालय के प्रति अपना विजन, मिशन व प्रमुख लक्ष्य और आईसीटी के क्षेत्र में विद्यालय की उपलब्धियों को पी.पी.टी. स्लाईड्स और विडियांे के जरिये ज्यूरी मेंबर्स, देश भर के नवाचारी शिक्षकों व एनसीईआरटी के विद्वानों के समक्ष प्रस्तुत किया। शाला प्रबंधन समिति व स्टाफ के मार्गदर्शन में आईसीटी से आइडिया लेकर किये गये पर्यावरण व जल संरक्षण के नवाचार के व्यापक स्तर पर प्रभाव परिलक्षित होने, ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को डिजिटल तकनीक से पढ़ाने तथा सहायक सामग्री निर्माण व उसके प्रदर्शनी जैसे कार्यों को खूब सराहा गया। श्री सूर्यवंशी ने बताया कि मेरा संकल्प है कि प्रत्येक माह अपने वेतन का 5 प्रतिशत हिस्सा विद्यालय के बेहतरी के लिए व्यय करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यशाला मंे देशभर के विभिन्न भाषा भाषी शिक्षकों के कामकाज को जानने समझने का जो अवसर मिला उससे मैं और भी बेहतर शैक्षणिक गतिविधियां के लिए प्रेरित हुआ हूं। श्री सूर्यवंशी ने बताया कि ज्यूरी कमेटी से सलेक्टेड देशभर के बेस्ट आई.सी.टी. टीचर्स आगामी शिक्षक दिवस पर महामहिम राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे। उन्होंने अपने आईसीटी नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रेरणास्त्रोत अमरेन्द्र पी. बेहरा संयुक्त संचालक केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, डा. मामुर अली कार्यक्रम समन्वयक, एससीईआरटी रायपुर के डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल, राज्य परियोजना अधिकारी रा.गा.शि.मि. डा.एम. सुधीश, डीईओ जांजगीर-चांपा जी.पी. भास्कर, डीपीसी संतोष कश्यप, बीईओ नवागढ़ जे.के. बावड़े, बीआरसीसी श्रीमती रिषीकांता राठौर, एबीईओ आर.एन.शर्मा, संजय देवांगन, श्रीमती अभिलाषा अग्रवाल, डाईट व अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन जांजगीर के समस्त अकादमिक सदस्यों सहित शैक्षिक समन्वयक अनिल पाण्डेय, एसएमसी मेंबर्स और साथी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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