The Digital Teacher : भारत के मानचित्र में राज्यों व राजधानियों को अंकित करने की दक्षता विकास पर लघु शोध कार्य पूर्ण

भारत के मानचित्र में राज्यों व राजधानियों को अंकित करने की दक्षता विकास पर लघु शोध कार्य पूर्ण








जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर द्वारा केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत शिक्षा सत्र 2018-19 में क्रियात्मक अनुसंधान (एक्शन रिसर्च) कराया गया। जिसमें मैंने (राजेश कुमार सूर्यवंशी, उच्च वर्ग शिक्षक) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा (अमोदा), संकुल केन्द्र अमोदा, विकासखण्ड नवागढ़, जिला-जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ से  ”कक्षा 6 के विद्यार्थियों में भारत के मानचित्र में राज्यों व राजधानियों को पहचानते हुए अंकित करने की दक्षता का विकास करना“ विषय पर क्रियात्मक अनुसंधान करते हुए विद्यार्थियों की दक्षता विकास में सफलता पायी है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट जांजगीर के प्राचार्य श्रीमती सविता राजपूत के संरक्षकत्व में, समन्वयक श्री एम.के.मजूमदार सहा. प्राध्यापक तथा श्री के.एम. जायसवाल के मार्गदर्शन में उक्त शोध कार्य दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के मध्य (50 स्कूल कार्य दिवस) में मैंने पूर्ण किया है। क्रियात्मक शोध के उद्देश्य, आवश्यकता व उपादेयता आदि की पूर्ति के लिए मेरे द्वारा अपने विद्यालय के कक्षा 6 वीं के सभी 27 विद्यार्थियों अंजली, हेमलता, जयकुमार, खुशी, लक्ष्मीन, मंगली, राजकुमार, सुखसागर, सूरज, सविता, शंकर लाल, उमेन्द्र, विजय, देवेश, करन, राकेश, सुमित, शिवानी, सोनिया, सरोजनी, दीपक, रविकांत, कृतिका, प्रभा, नंदनी, प्रियांशु व आरती का चयन न्यादर्श के रूप में किया गया था। कार्ययोजना के तहत 6 दिवस में भारत के राजनैतिक मानचित्र का गहन अध्ययन, बच्चों व स्टाफ के साथ अनुसंधान संबंधी चर्चा व क्रियात्मक अनुसंधान से संबंधित फाईलों का अध्ययन किया गया। 3 दिवस में पूर्व परीक्षण हेतु प्रपत्र निर्माण व भारत का कोरा मानचित्र वितरित कर में परीक्षण संपन्न कराया गया। 4 दिवस में भूमि पर व दीवाल पर मानचित्र का निर्माण कर अनुसंधान के लिए अन्य आवश्यक सहायक सामग्री का निर्माण किया गया। अगले 16 दिवसों में मानचित्र का प्रदर्शन कर समझाते हुए राज्यों व राजधानियों को पहचानते हुए अंकित करने का व्यवहारिक अभ्यास कराया गया जिसके बाद बच्चों में दक्षता आयी और अगले 4 दिवस में पश्च परीक्षण हेतु प्रपत्र निर्माण व भारत का कोरा मानचित्र वितरित कर सभी 27 विद्यार्थियों का परीक्षण किया गया जिसके बाद परीक्षण का मूल्यांकन व आंकड़ों का संकलन व वर्गीकरण किया गया। 6 दिवस में आंकड़ों के आधार पर परिणाम निकाला गया तथा अंतिम 8 कार्य दिवस में शोध कार्य का दस्तावेजीकरण, फ्लेक्सी प्रिटिंग, कम्प्यूटर टायपिंग, फोटोकापी, स्पायरल बाइडिंग, सी.डी. निर्माण आदि का कार्य पूर्ण किया गया। शोध कार्य पश्चात परिणाम की समीक्षा करने पर परिणाम इस प्रकार रहा जिसमें- पूर्व परीक्षण के दौरान भारत के मानचित्र में राज्य को अंकित करने की गतिविधि में कुल 27 विद्यार्थियों में से 5 विद्यार्थियों ने 8 राज्यों, 7 विद्यार्थियों ने 9 राज्यों, 6 विद्यार्थियों ने 10 राज्यों, 6 विद्यार्थियों ने 11 राज्यों तथा 3 विद्यार्थियों ने 12 राज्यों की सही-सही पहचान किया तथा शेष राज्यों को पहचान कर अंकित करने में त्रुटि हुई। वही पश्च परीक्षण की गतिविधि में कुल 27 विद्यार्थियों में से 10 विद्यार्थियों ने 21 राज्यों, 11 विद्यार्थियों ने 22 राज्यों, 5 विद्यार्थियों ने 23 राज्यों तथा 1 विद्यार्थी ने 25 राज्यों की सही-सही पहचान किया। इस तरह से पूर्व परीक्षण में उपलब्धि का औसत 9.81 से बढ़कर पश्च परीक्षण में 21.11 हो गया। उपलब्धि का औसत 11.3 रहा।
इसी तरह से पूर्व परीक्षण के दौरान भारत के मानचित्र में राज्यों के राजधानियों को अंकित करने की गतिविधि में कुल 27 विद्यार्थियों में से 8 विद्यार्थियों ने 4 राजधानियों, 13 विद्यार्थियों ने 5 राजधानियों तथा 6 विद्यार्थियों ने 6 राजधानियों की सही-सही पहचान किया तथा शेष राज्यों को पहचान कर अंकित करने में बड़ी त्रुटि हुई। वही पश्च परीक्षण की गतिविधि में कुल 27 विद्यार्थियों में से 1.1 विद्यार्थी ने 14 व 15 राजधानियों, 10 विद्यार्थियों ने 16 राजधानियों, 3 विद्यार्थियों ने 17 राजधानियों, 5 विद्यार्थियों ने 18 राजधानियों, 4 विद्यार्थियों ने 19 राजधानियों तथा शेष 3 विद्यार्थियों ने 20 राजधानियों का सही-सही पहचान किया। इस तरह से पूर्व परीक्षण में उपलब्धि का औसत 4.92 से बढ़कर पश्च परीक्षण में 17.25 हो गया। उपलब्धि का औसत 12.33 रहा। मेरे इस शोध कार्य को संपन्न करने में डाइट स्टाफ के अलावा श्री आर.एल. जायसवाल बीईओ नवागढ़, श्री राजीव नयन शर्मा एबीईओ नवागढ़, श्री संजय देवांगन एबीईओ नवागढ़, श्रीमती रिषीकांता राठौर बीआरसी नवागढ़, श्रीमती सावित्री चौहान अध्यक्ष शाला प्रबंधन व विकास समिति, श्री कन्हैया लाल मरावी प्र. प्रधान पाठक, श्री हीरालाल कर्ष उ.व.शि., श्री संतोष कुमार श्रीवास उ.व.शि. व सफाई कर्मचारी श्री साधराम यादव व सभी विद्यार्थियों सहित प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले सभी शिक्षकों का सराहनीय योगदान मिला है जिनके प्रति मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं







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